Chandirgar Crime News: अपनी बेटी से सात साल तक दुष्कर्म करने के दोषी पिता की उम्रकैद की सजा को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है. बेटी से दुष्कर्म के दोषी पिता ने उम्रकैद की सजा के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. वहीं जस्टिस तजिंदर सिंह ढींडसा एवं जस्टिस ललित बत्रा की कोर्ट ने दोषी पिता की सजा कम करने की अपील को खारिज करते हुए कहा कि किसी भी तरह का रहम नहीं दिया जा सकता है.
बता दें कि अपनी ही बेटी के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी पिता को निचली अदालत ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
14 वर्ष की बेटी की शिकायत पर हुआ था केस दर्ज
वहीं फरीदाबाद निवासी दोषी पिता ने याचिका दाखिल करते हुए कहा कि उसकी 14 वर्ष की बेटी की शिकायत पर पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज किया था. उसकी बेटी ने अपनी शिकायत में कहा था कि वह उसके साथ तब से दुष्कर्म कर रहा है, जब वह सिर्फ सात साल की थी. इस बाबत उसने अपनी दोस्त की मां को बताया था. जिसके बाद शिकायत दी गई थी.
दोषी को किसी भी सूरत में नहीं दिया जा सकता रहम
वहीं हाईकोर्ट में अपने फैसले में कहा कि यौन अपराधों को लेकर कड़े कानून बने हुए हैं लेकिन ऐसी घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है.हाई कोर्ट ने दोषी की सजा को बरकरार रखते हुए कहा कि मासूम से यौन अपराध का दोषी किसी भी सूरत में रहम का अधिकारी नहीं है.
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