Punjab News: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 4 साल बाद एक बार फिर चांद पर चंद्रयान पहुंचाने की तैयारी में है. 14 जुलाई को इसरो पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चांद पर अपना तीसरा चंद्रयान पहुंचाने वाला है. चांद की सतह पर अगर चंद्रयान की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ हो जाती है तो भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जो ऐसा करने में सफल हुए है. पंजाब के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण होने वाले चन्द्रयान 3 के साक्षी बनने के लिए तैयार है.
स्कूल ऑफ एमिनेंस के 40 स्टूडेंट्स को चन्द्रयान 3 का साक्षी बनने के लिए श्रीहरिकोटा भेजा गया है. मोहाली के शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट से आज इन 40 स्टूडेंट्स ने श्रीहरिकोटा के लिए उड़ान भरी.
23 जिलों के 40 बच्चे बनेंगे चन्द्रयान 3 के साक्षी
पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा मुख्यमंत्री भगवंत मान की परिकल्पना स्कूल ऑफ एमिनेंस (एसओई) के छात्रों के लिए सर्वोत्तम शिक्षण अनुभव प्रदान करने के लिए. पंजाब के विभिन्न जिलों से एसओई के 40 छात्र चन्द्रयान 3 के प्रक्षेपण को देखने के लिए श्रीहरिकोटा के लिए उड़ान भर रहे हैं. इस 3 दिवसीय यात्रा पर, वे श्रीहरिकोटा की पूरी सुविधा भी देखेंगे और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति के बारे में जानेंगे. छात्रों के लिए भी यह एक नया अनुभव होगा. आपको बता दें कि पंजाब सरकार की तरफ से पूरे प्रदेश में 117 स्कूल ऑफ एमिनेंस खोले गए है. इन स्कूलों में अत्याधुनिक तरीके से पढ़ाई करवाई जाती है.
2019 में चांद की सतह पर उतरने में विफल रहा था चंद्रयान-2
आपको बता दें कि इससे पहले साल 2019 में चांद की सतह पर चंद्रयान-2 की लैंडिंग नहीं हो पाई थी. जिसकी वजह से इसरो की टीम निराश हो गई थी तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भावुक हुए तत्कालीन इसरो प्रमुख के. सिवान को गले लगाकर ढांढस बंधाया था. वो तस्वीर आज भी लोगों को याद है.
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