Punjab News: पंजाब कांग्रेस के नेताओं के बीच आपसी फूट अब दिल्ली तक पहुंच गई है. कांग्रेस के तीन विधायकों ने पंजाब सरकार में मंत्री राणा गुरजीत सिंह (Rana Gurjit Singh) को पार्टी से बाहर निकालने के लिए अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पत्र लिखा है. इन विधायकों का आरोप है कि राज्य सरकार के मंत्री राणा गुरजीत सिंह विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को कमजोर कर रहे हैं.
कांग्रेस ने गुरजीत को कपूरथला विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है. गुरजीत के पुत्र राणा इंदर प्रताप सिंह ने कपूरथला जिले की सुल्तानपुर लोधी विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इस सीट पर कांग्रेस ने अपने विधायक नवतेज सिंह चीमा को उम्मीदवार बनाया है.
चीमा, जालंधर उत्तर से विधायक अवतार सिंह जूनियर, फगवाड़ा से विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल और पूर्व विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा है. इन विधायकों ने आरोप लगाया, ''राणा गुरजीत सिंह दोआबा क्षेत्र के कई विधानसभा क्षेत्रों में दखल दे रहे हैं और पार्टी को कमजोर कर रहे हैं.''
राणा गुरजीत को दोबारा बनाया गया मंत्री
राणा गुरजीत सिंह पर पहले भी पार्टी के खिलाफ काम करने के आरोप लगते रहे हैं. इन नेताओं ने कहा, ''हमने राज्य इकाई के नेतृत्व को राणा गुरजीत की पार्टी विरोधी गतिविधियों के बारे में सूचित किया, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उन्हें फिर से कैबिनेट में शामिल कर लिया गया.''
राणा गुरजीत सिंह ने साल 2018 में रेत खनन के मामले में आरोप लगने के बाद अमरिंदर सिंह सरकार से इस्तीफा दे दिया था. चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने पर उन्हें फिर से मंत्री बनाया गया.
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