Punjab News: पंजाब के पूर्व कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा ने 8 मार्च को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था. मंत्री ने अपनी ही सरकार में फसल अवशिष्ट मशीनरी से जुड़े 1,178 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया. पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री से सीबीआई जांच कराने की भी मांग भी की थी. नाभा ने दावा किया है कि पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन CRM योजना के तहत मशीनरी खरीदने के लिए चार साल में 1,178 करोड़ रुपये की केंद्रीय सब्सिडी दी गई थी लेकिन कागज पर दिखाई गई मशीनरी जमीन पर नहीं आई.


हाल ही में हुए फॉरेस्ट घोटाले के बाद राज्य के कृषि विभाग के लिए मुसीबत और बढ़ गई है. प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत सब्सिडी घोटाले की जांच शुरू कर पिछले महीने विभाग से रिकॉर्ड मांगा था. वहीं 14 जून को कृषि निदेशक गुरविंदर सिंह को लिखे पत्र में प्रवर्तन निदेशालय ने भी जानकारी नहीं देने पर कृषि अधिकारियों को फटकार लगाई थी. 


CRM योजना के तहत 1,178.47 करोड़ रुपये भेजे गए


अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून के अनुसार गुरविंदर सिंह ने कहा कि उन्हें ईडी से पत्र मिला है. जिसमें पीएम को लिखे पत्र में नाभा ने करोड़ो रुपए के गबन का आरोप लगाया था और दावा किया था कि एक मंत्री के रूप में उन्हें मशीनरी की कोई जानकारी नहीं दी गई थी.आगे उन्होंने कहा जब मैंने विभाग का कार्यभार संभाला और समीक्षा की तो मुझे पता चला कि भारत सरकार ने 2018-19 से 2021-22 तक CRM योजना के तहत 1,178.47 करोड़ रुपये भेजे थे. 


योजना और फंड के बारे में जानकारी मांगी


गुरविंदर सिंह ने कहा कि हमने 8 नवंबर 2021 को हर जिले के लिए योजना और दिए गए फंड के बारे में जानकारी मांगी लेकिन उन्हें कोई डेटा नहीं दिया गया. वहीं कृषि वित्तीय आयुक्त के साथ इस मामले पर चर्चा करने के बाद भी कोई जानकारी नहीं दी गई.


नाभा ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी. फंड के मिसयूज के लिए ऊपर से नीचे तक के अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया हैं. उनका कहना है कि बार-बार पत्र लिखने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है.



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