Punjab: चन्नी का कांग्रेस पर रिसर्च, चाटुकारों की वजह से पार्टी का हुआ पतन, घोटालों ने गिराई इमेज, क्षेत्रीय पार्टियां भी बनी चुनौती
पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की कांग्रेस पर की गई रिसर्च में पार्टी की कई अदरुनी बातों को उजागर किया है. साथ ही अपने रिसर्च में चन्नी ने कुछ चिंताएं भी जाहिर की है तो कुछ सुझाव भी दिए है.
Punjab News: पंजाब यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर व पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कांग्रेस पर अपना शोध किया है. उनके शोध में निकलकर आया है कि चाटुकारिता की संस्कृति के कारण कांग्रेस का पतन हुआ है. गांधी परिवार ने तो इससे लड़ने की कोशिश की लेकिन कांग्रेस पार्टी में बड़े पदों पर बैठे लोगों का व्यवहार इसके विपरीत ही रहा है. चाटुकारों के पास ही विशेष अधिकार होने की वजह से पार्टी उनपर निर्भर रही है. चाटुकारों की संख्या बढ़ रही है जिसकी वजह से पार्टी में निष्ठावान लोगों का मनोबल गिरता जा रहा है.
2004 के लोकसभा चुनाव से अब तक का रिसर्च
‘दैनिक भास्कर’ की एक खबर के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ सोशल एक्सक्लूजन एंड इंक्लूसिव पॉलिसी के रिसर्च स्कॉलर के तौर पर प्रो. इमैनुअल नाहर के मार्गदर्शन में अपना शोध पूरा किया है. चन्नी ने 2004 के लोकसभा चुनाव से अब तक कांग्रेस के केंद्रीय संगठन व चुनावी रणनीति पर पूरा रिसर्च किया है. इस रिसर्च में कांग्रेस की सत्ता गंवाने की वजह भी बताई गई है. इसके अलावा अपने शोध में चन्नी ने कुछ चिंताएं भी जाहिर की है तो कुछ सुझाव भी दिए है.
हर राज्य में हो रही गुटबाजी
रिसर्च में हर राज्य में हो रही गुटबाजी को भी जाहिर किया गया है. जिसमें राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट, पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़, मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 18 विधायकों का जाना, कमलनाथ की सरकार गिरना, छतीसगढ़ में भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच विवाद और कर्नाटक में गठबंधन सरकार गिरना जैसे मुद्दों को जिक्र किया गया है.
वरिष्ट नेताओं ने नहीं बनने दी सेकंड लाइन
रिसर्च में यह भी बताया गया है कि सोनिया गांधी का फोकस वरिष्ठ नेताओं पर रहता है तो वहीं राहुल गांधी का फोकस युवाओं पर. हालात यह है कि कुछ सीनियर नेताओं ने तो कुछ राज्यों में दूसरे नेताओं को उभरने तक नहीं दिया. जिसकी वजह से कार्यकर्त्ताओं में नाराजगी रही. इसके अलावा रिसर्च में कहा गया कि 2009 में नरेगा, आरटीआई व अन्य सामाजिक कार्यक्रमों की वजह से जीत मिली थी. लेकिन इसके बाद 2जी स्पेक्ट्रम, आदर्श सोसायटी स्कैम, गठबंधन में मतभेद के अलावा घोटालों के खुलासों की वजह से कांग्रेस की छवि खराब हुई थी.
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