Punjab News: श्री अकाल तख्त साहिब के नए जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की गुरुवार को ताजपोशी की गई. उससे पहले 16 जून को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की अंतरिम कमेटी की आपात बैठक में ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पद से हटाने का फैसला लिया गया था. इसको लेकर लगातार कहा जा रहा था कि आप राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा और परिणीति चोपड़ा की सगाई में शामिल होने की वजह से उनको पद से हटाया गया है, लेकिन इस मामले पर अब खुद ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सफाई दी है.
पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह का कहना है कि मेरे पद से हटने की वजह राघव चड्ढा की सगाई में शामिल होना बताया जा रहा है जो ठीक है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने जो किया है वो ठीक किया है. मुझे इसपर कोई आपत्ति नहीं है.
‘खुद सेवा से मुक्त होना चाहते थे’
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बताया कि जब वो ऑस्ट्रेलिया गए तब उन्होंने एसजीपीसी के मुख्य सचिव को फोन कर कहा था कि वो श्री अकाल तख्त साहिब की सेवा से मुक्त होना चाहते हैं. उन्होंने दोनों तख्तों की सेवा वापस लेने की बात एसजीपीसी से कहते हुए कहा था कि वो ये दोनों पद किसी ओर को सौंप दिए जाए. लेकिन एसजीपीसी ने अब भी उन्हें तख्त श्री दमदमा साहिब की सेवा से मुक्त नहीं किया है.
गुरबाणी प्रसारण के मामले पर भी बोले सिंह
वहीं गुरबाणी प्रसारण के मामले को लेकर ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार गुरबाणी प्रसारण के मामले में कानूनी तौर पर हस्तक्षेप कर सकती है या नहीं, यह तो कानूनी जानकार ही बता सकते है. सिंह ने कहा सिखों के धार्मिक मामलों में सरकार को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.
वल्टोहा पर बयान पर सिंह की प्रतिक्रया
शिअद नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने ज्ञानी रघबीर सिंह को जत्थेदार नियुक्त किए जाने पर कहा था कि जत्थेदार को विद्वान, रागी, कथावाचक नहीं, बल्कि साहसी, निडर व दिलेर होना चाहिए. वल्टोहा के बयान को लेकर ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि एसजीपीसी को चाहिए कि वल्टोहा को ही श्री अकाल तख्त साहिब का जत्थेदार नियुक्त कर देना चाहिए, क्योंकि वो बहुत निडर और दिलेर हैं.
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