Punjab News: दिल्ली में आईएएस अधिकारियों की कमान राज्यपाल को सौंपने का अध्यादेश जारी हुआ है. जिसके बाद आम आदमी पार्टी में हड़कंप मच हुआ है. मामले को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी गुस्से में नजर आए, उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए. अपने पहले ट्वीट में सीएम मान ने लिखा, 'अगर भारतीय संविधान में लोकतंत्र के कातिलों को सजा का प्रावधान होता तो पूरी बीजेपी को फांसी की सजा हो सकती थी.' वहीं, दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि देश को 30-31 राज्यपाल और एक प्रधानमंत्री चला रहे है तो चुनाव पर अरबों खर्च करने का क्या फायदा.


मनजिंदर सिंह सिरसा ने किया पलटवार


दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने सीएम मान के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, 'लोकतंत्र की हत्या हुई थी जिस दिन केजरीवाल जी और उनके गिरोह ने मुख्य सचिव को उनके आवास पर पीटा. लेकिन आप उस दिन ट्वीट करना भूल गए. कानूनी मामलों में आपकी जानकारी में कमी साफ नजर आ रही है. दिल्ली राज्य नहीं है. यह एक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है और इस प्रकार, उपराज्यपाल प्रशासक है और इसके शासन के लिए जिम्मेदार है ताकि इसे केजरीवाल जी के अहंकार और कुप्रबंधन से बचाया जा सके.'



पहले ये आया था सुप्रीम कोर्ट का फैसला


आपको बता दें कि दिल्ली सरकार की याचिका पर 11 मई को 5 जजों की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन को छोड़कर उप-राज्यपाल बाकि सभी मामलों में दिल्ली सरकार की सलाह और सहयोग से काम करेंगे. लेकिन इस फैसले के 7 दिन बाद ही केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही बदल दिया. 19 मई को लाए गए अध्यायदेश के अनुसार अब दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल का होगा. अब केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है.


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