Haryana News:  हरियाणा सरकार ने प्रॉपर्टी, जमीन की रजिस्ट्री और इंतकाल से जुड़े दो बड़े फैसले लिए है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वेब हेलरिस पोर्टल में इंतकाल का स्वचालित जेनरेशन मॉड्यूल शुरू किया है. यानि अब हरियाणा में किसी भी संपत्ति व जमीन की रजिस्ट्री के तुरंत बाद इसका इंतकाल होगा. यहीं नहीं पोर्टल पर इसके बारे में पूरी जानकारी होगी. जिसे कोई भी चेक कर सकता है. इसके अलावा आपत्ति होने पर 10 दिन के अंदर दर्ज करवा सकता है. ऐसा होने पर म्यूटेशन को विवादित मानकर इंतकाल नहीं किया जाएगा.


किसी भी जिले में करवा सकेंगे रजिस्ट्री
ऐसे में अगर कोई आपत्ति दर्ज करवाता तो तो इंतकाल अपने आप हो जाएगा और 10 दिन के बाद उसकी कॉपी भी मिल जाएगी. वहीं अब तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एसडीएम, डीआरओ को भी रजिस्ट्री का अधिकार होगा. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि ये प्रणाली जल्द लागू हो जाएगी. फिर रजिस्ट्री कहीं भी किसी भी जिले में कराई जा सकेगी. सरकार ये कदम विवादास्पद इंतकाल के मुद्दे को हल करने की दिशा में उठाया है, ताकि किसी प्रकार का कोई मुकदमा ना हो. हरियाणा में करीब 3500 रजिस्ट्रिया होती है. 


अभी तक क्या थी प्रॉपर्टी के इंतकाल की प्रक्रिया
आपको बता दें कि अभी तक रजिस्ट्री के 7 दिन के अंदर इंतकाल करने का समय दिया गया था. ये प्रक्रिया तो ऑनलाइन थी लेकिन इसे पटवारी को पूरा करना होता था. जब पटवारी इंतकाल को सिस्टम में चढ़ाता था तो कानूनगों से होते हुए तहसीलदार तक जाना होता था, इस पूरी प्रक्रिया के बाद इंतकाल किया जाता था. इस तरफ संपत्ति या जमीन का इंतकाल कराने में कई महीने लग जाते थे. जिसकी वजह से कई तहसीलों में तो 10 से 20 हजार इंतकाल पेंडिंग पड़े हुए है.


नई इंतकाल की प्रक्रिया में क्या होगा
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जो इंतकाल की नई प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी है उसके अनुसार अब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के तुरंत बाद हेलरिस पोर्टल में स्वचालित मॉड्यूल पर ऑनलाइन इंतकाल हो जाएगा. इसके लिए पटवारी के पास कागजात ले जाने की भी जरूरत नहीं होगी. इंतकाल की जानकारी भी पोर्टल पर मिल जाएगी. जिसे कोई भी चेक कर सकेगा. अगर इस इंतकाल के 10 दिन के अंदर कोई आपत्ति नहीं आई तो अपने आप इंतकाल हो जाएगा. जिसके 10 दिन बाद तहसील या अटल सेवा केंद्र से इंतकाल की कॉपी ली जा सकेगी. लेकिन यदि जमीन या संपत्ति को लेकर किसी ने आपत्ति जताई तो मामला तहसीलदार के पास जाएगा.


आखिर क्यों लिया गया ये फैसला
प्रदेश बीजेपी ने अपने 2019 के चुनाव के मेनिफेस्टो में इंतकाल की प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की घोषणा थी. पूरे सिस्टम पर गहन अध्ययन के बाद इसका पोर्टल लॉन्च किया गया. पहले संपत्ति या जमीन का इंतकाल कराने के लिए लोगों को चक्कर लगाने पड़ते थे. लोगों को परेशानी से बचाने के लिए सब कुछ आईटी प्लेटफॉर्म पर लाने का फैसला किया गया.


SDM व DRO को क्यों दिया रजिस्ट्री करने का अधिकार
SDM व DRO को रजिस्ट्री करने का अधिकार दिए जाने की सबसे बड़ी वजह है. कई बार तहसीलदार या नायब तहसीलदार छुट्टी पर रहते है या तबादले के बाद पद खाली रहते है तो रजिस्ट्रियां बंद हो जाती थीं. जिसकी वजह से रजिस्ट्री कराने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. 


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