Haryana News: हरियाणा में नगर निगमों के महापौरों के पास अब जूनियर इंजीनियरों सहित ‘समूह सी और डी’ के कर्मचारियों को निलंबित करने का अधिकार होगा. समूह सी श्रेणी के कर्मचारियों में लिपिक शामिल हैं, जबकि सहायक और इलेक्ट्रीशियन समूह ‘डी’ पदों के अंतर्गत आते हैं. आधिकारिक बयान में कहा गया हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नगर निगमों के महापौरों को जूनियर इंजीनियरों सहित समूह सी और डी के कर्मचारियों को निलंबित करने का अधिकार देकर स्थानीय नगरीय शासन के सत्ता विकेंद्रीकरण की दिशा में जारी प्रक्रिया में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया.


मेयर करा सकेंगे 10 करोड़ तक के काम
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने महापौरों के लिए प्रशासनिक मंजूरी सीमा 2.50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने की भी घोषणा की. बयान में कहा गया कि सीएम खट्टर ने यहां राज्य के नगर निगमों के महापौरों और वरिष्ठ उपमहापौरों की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता भी मौजूद थे. सीएम खट्टर ने कहा महापौर एक विशाल निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. पिछले नौ वर्षों में हमारी सरकार ने विकेंद्रीकरण के माध्यम से पंचायती राज संस्थानों को महत्वपूर्ण रूप से सशक्त बनाया है.


लंबित परियोजनाओं को पूरा कराने के निर्देश
प्रदेश के नगर निगम का कार्यकाल अगले साल जनवरी में खत्म होना है. इसके अलावा तीन नगर निगम का कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका है. जिसको लेकर सीएम ने सभी मेयरों और सीनियर डिप्टी मेयरों को निर्देश दिए है कि वो जनवरी तक अपने सभी कार्य पूरे करें. जिन कामों को लिए जिनता बजट चाहिए उन्हें बताया जाए. 


7 नगर निगमों में चलेंगी इलेक्ट्रिकल बसें
वहीं परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क का कहना है कि रेवाड़ी समेत 7 नगर निगमों में इलेक्ट्रिकल एसी सिटी बसें भी चलाई जाएगी. इसके लिए तीन एकड़ में नए बस स्टैंड का निर्माण भी होगा. इसके साथ ही उस बस स्टैंड में चार्जिंग स्टेशन भी लगाया जाएगा.


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