Haryana News: हरियाणा में ई-टेंडरिंग को लेकर सरपंचों और सरकार के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है. जिसको लेकर आज सरपंच एसोसिएशन के पदाधिकारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात करने वाले है. संभावना जताई जा रही है कि आज सरकार की तरफ से मामला सुलझा दिया जाएगा. वहीं अगर आज भी इस विवाद को लेकर कोई हल नहीं निकला तो सरपंचों ने पहले ही 11 मार्च को सीएम आवास का घेराव करने की धमकी दी है. साथ ही सरपंचों का कहना है कि गांवों में हरियाणा सरकार के नेताओं का प्रवेश बंद कर दिया जाएगा. 


रातरातों सरपंचों को उठाया धरने से
हरियाणा के सरपंचों पर चार मार्च को बड़ा एक्शन लिया गया था. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से सरकार को लगी फटकार के बाद रात 10 बजे के करीब धरने पर बैठे सरपंचों को हटा दिया गया था. सरपंचों पर हल्का बल प्रयोग करते हुए उनका धरना खत्म कर दिया गया था. वही 1 मार्च को सीएम आवास का घेराव करने जा रहे सरपंचों पर पंचकूला में लाठीचार्ज भी किया गया था. जिसमें 100 से ज्यादा सरपंच घायल हो गए थे. वहीं 4 हजार सरपंचों के खिलाफ आईपीसी के धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया था. 


क्या कहना है सरपंचों का 
पंचकूला में पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की वजह से प्रदेश के सरपंच भड़के हुए है. वो पहले ही कह चुके है कि वो अपने क्षेत्रों में बीजेपी-जेजेपी के विधायकों को घुसने तक नहीं देंगे. सरपंच एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रणबीर सिंह समैण ने सरकार दवारा सरपंचों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरपंचों को धरने से तानाशाही रवैया अपनाकर उठाया गया. आज होने वाली बैठक के बाद भी अगर कोई समाधान नहीं निकला तो 11 मार्च को करनाल में सीएम आवास का घेराव किया जाएगा. वही समैण ने कहा कि सरकार को गांव पंचायतें तो पढ़ी-लिखी चाहिए लेकिन उनके विधायक सांसद तो आठवीं पास है. उन्होंने कहा सरकार सरपंचों पर बेवजह नियम थोप रही है. राइट टू रिकॉल और ई-टेंडरिंग के जरिए सरकार केवल विधायकों औैर मंत्रियों की जेब भरना चाहती है. समैण ने कहा अगर राइट टू रिकॉल और ई-टेंडरिंग नियम को लागू ही करना है तो पहले विधायक और सांसदों पर लागू किया जाए.


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