पंजाब समेत पूरे भारत में कोयले का संकट जारी है. पंजाब में लगातार चौथे दिन बिजली की कटौती की गई. पंजाब में बिजली की कटौती तीन से नौ घंटे तक रही. हालांकि राज्य में बिजली संयंत्रों को थोड़ी राहत मिली है, और पिछले 24 घंटे में कोयले की खेप पहुंची है जिससे गोइंदवाल साहिब में जीवीके बिजली संयंत्र के दो यूनिटों जिसे रविवार को कोयले की कमी के कारण बंद करना पड़ा था, उसमें से एक का परिचालन वापस से शुरू कर दिया गया.
रोपड़ में सरकार द्वारा संचालित पावर प्लांट की एक यूनिट को भी कोयले के भंडार की भरपाई के बाद दोबारा से परिचालित कर दिया गया. कोयले की कमी होने के कारण लुधियान, जालंधर, अमृतसर जैसे जगहों पर उद्योग प्रभावित हो रहे हैं. पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष बदीश जिंदल कहा, अगर अनुसूचित कटौती होती है, तो कम से कम उद्योगपतियों को इसके बारे में पता होता है. लेकिन ये अनिर्धारित कटौती हैं, जो न केवल उद्योगपतियों को बल्कि मजदूरों को भी चोट पहुँचाती हैं.
राज्य सरकार ऐसे वक्त में स्मार्ट खेल दिखा रही है. अगर अनिर्धआरित बिजली की कटौती करनी है तो सरकार को उद्योग के फिक्स चार्ज में छूट देनी चाहिए, जो एक बड़ी राशि है.
नाभा पावर लिमिटेड, राजपुरा, प्लांट में 2.3 दिनों का कोयला स्टॉक है, मानसा जिले के बनवाला गांव में तलवंडी साबो पावर लिमिटेड के पास 1.7 दिन, जीवीके 1.3 दिन का स्टॉक है, जबकि रोपड़ में सरकारी बिजली संयंत्र में 3.2 दिन का स्टॉक है और एक लेहरा मोहब्बत के पास 2.6 दिनों का स्टॉक है. मौजूदा मांग को पूरा करने के लिए, पीएसपीसीएल को 14.56 रुपये प्रति यूनिट की लागत से बाहरी स्रोतों से लगभग 1600 मेगावाट बिजली खरीदनी है.
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