Haryana Weather News: हरियाणा के इस शहर में शिमला से भी ज्यादा ठंड, तापमान में गिरावट की वजह आई सामने
Haryana Weather Update: हरियाणा इन दिनों भयंकर शीतलहर की चपेट में है. प्रदेश में बढ़ती ठंड से लोगों का बुरा हाल है. हालांकि, कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक ये मौसम काफी हद तक फसलों के लिए फायदेमंद है.
Haryana Weather News: पिछले कुछ दिनों से हरियाणा शीतलहर की चपेट में हैं. यूं तो पूरे प्रदेश में शीतलहर की वजह से लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं. इस बीच हिसार शहर के तापमान ने ठंड के मामले में शिमला को भी पीछे छोड़ दिया है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक यहां रविवार की रात को न्यूनतम तापमान 0.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जोकि बर्फबारी और कम तापमान के लिए मशहूर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से भी कम है. दरअसल, शिमला में न्यूनतम तापमान रविवार रात को 1.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. हालांकि, हरियाणा के महेंद्रगढ़ में न्यूनतम तापमान माइनस 0.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है.वहीं, पड़ोसी राज्य पंजाब के आदमपुर (जालंधर) में न्यूनतम तापमान माइनस 1.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
इस वजह से शिमला से भी ज्यादा ठंडा है हिसार
शिमला से भी ज्यादा ठंड हिसार और महेंद्रगढ़ में पढ़ने पर द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक आईएमडी चंडीगढ़ के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि शिमला में विशिष्ट ऊंचाई की वजह से वहां उलटी परत की उपस्थिति की वजह से रात का तापमान थोड़ा अधिक रहता है. हालांकि, हिमाचल प्रदेश के ही सोलन, सुंदरनगर और बंटर (कुल्लू) जैसे निचले इलाकों में तापमान कम रहता है.
कृषि के लिए फायदेमंद है शीतलहर
हरियाणा पिछले कुछ दिनों से शीतलहर की चपेट में है. राज्य में बढ़ती ठंड से लोग भले ही परेशान हो, लेकिन कृषि विशेषज्ञों ने साफ कर दिया है कि ये ठंडा मौसम काफी हद तक फसलों के लिए फायदेमंद है. हरियाणा कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान के महानिदेशक हरदीप सिंह के मुताबिक इस मौसम में गेहूं की फसल के लिए सिंचाई की कम जरूरत पड़ती है. हालांकि, अगर बादल का मौसम अधिक समय तक बना रहता है, तो यह सरसों की फसल के लिए समस्या पैदा कर सकता है.
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ठंड को किसान नेता ने भी बताया अच्छा
भिवानी के किसान नेता दयानंद पूनिया ने भी प्रदेश में चल रही शीतलहर को फसलों के अच्छा बताया है. उन्होंने कहा है कि अभी तक गेहूं, सरसों और चना जैसी सभी फसलों की वृद्धि के लिए मौसम ठीक है. बारिश के बाद ऐसा मौसम फसलों के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है.