चंडीगढ़ पर किसका हक है ?पंजाब का कि हरियाणा का? इस सवाल पर दोनों राज्यों में सियासी तलवारें खिंच गई हैं. वहीं इस मसले पर आज हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र होने जा रहा है. सबसे अहम बात ये है कि इस मुद्दे पर हरियाणा में सरकार और विपक्ष राजनीतिक तौर पर एकजुट दिख रहा है. गौरतलब है कि दिल्ली के हरियाणा भवन में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में इस प्रस्ताव को समर्थन देने का एलान किया गया.


चंडीगढ़ पर हक के विवाद को पंजाब सरकार ने दी हवा


बता दें कि हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा है कि अगर प्रस्ताव असेंबली में आएगा जो हरियाणा के समर्थन में रहेगा और हम उसका भरपूर समर्थन करेंगे,पंजाब के प्रस्ताव का कोई औचित्य नहीं है. गौरतलब है कि इस विवाद को पंजाब में आम आदमी पार्टी की मान सरकार ने हवा दी है. दरअसल पंजाब विधानसभा में 1 अप्रैल को प्रस्ताव पारित किया था कि चंडीगढ़ पंजाब को सौंपा जाए. इसमें मान सरकार को कांग्रेस की पंजाब इकाई और अकाली दल का भी साथ मिला.


सिद्धू ने ट्वीट कर कहा चंड़ीगढ़ पंजाब का ही रहेगा


वहीं कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने इस संबंध में ट्वीट किया है कि, पंजाब के 27 गाँव उजाड़ कर बनाया हुआ चंडीगढ़, पंजाब का था, है और रहेगा… कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना …चण्डीगढ़ तो बहाना है, पंजाब के दरियाई पानी पे निशाना है.


केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के बाद चंडीगढ़ को लेकर खड़ा हुआ विवाद


गौरतलब है कि इस ताजा विवाद ने केंद्र सरकार के एक नोटिफिकेशन के बाद सिर उठाया जिसमें चंडीगढ़ के 22 हजार कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की कैटगरी में डाल दिया गया. इसके बाद मान सरकार ने चंडीगढ़ पर दावा ठोक दिया. वहीं हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इसे पंजाब सरकार की साजिश बताया है.


वैसे बता दें कि चंडीगढ़ इस समय पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों की राजधानी तो है ही, साथ में केंद्र शासित प्रदेश भी है.इस पर हक को लेकर दोनों राज्यों के बीच विवाद काफी पुराना है लेकिन इस बार उसने नया रंग ले लिया है.


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