Punjab News: कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने की राज्यपाल की चेतावनी को गलत और अस्वीकार्य करार देते हुए रविवार को सुझाव दिया कि उन्हें और मुख्यमंत्री भगवंत मान को मिल बैठकर इसका समाधान निकालना चाहिए. वडिंग ने  कहा कि अगर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को भगवंत मान से कोई समस्या है तो उन्हें कुछ अन्य संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करना चाहिए और मुख्य सचिव से इस संबंध में जवाब मांगना चाहिए. 


‘इस लड़ाई से कुछ भी निकलने वाला’
अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने एक्स (पूर्व में टि्वटर) पर कहा  कि राष्ट्रपति शासन की सिफ़ारिश करने की चेतावनी और वह भी आपसी द्वेष के कारण, बहुत गलत और पूरी तरह से अस्वीकार्य है. इस लड़ाई से कुछ भी निकलने वाला नहीं है, बैठिए, एक-दूसरे से बात कीजिए और कोई समाधान निकालिए क्योंकि इस आपसी द्वेष से केवल पंजाबियों को नुकसान हो रहा है.


‘राज्यपाल ने दी थी राष्ट्रपति शासन की चेतावनी’
राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने शुक्रवार को मान सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया गया तो वह राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं और आपराधिक कार्यवाही भी शुरू कर सकते हैं. राज्यपाल ने संकेत दिया कि वह अपने पिछले पत्रों पर मुख्यमंत्री से कोई जवाब नहीं मिलने से नाराज हैं और उन्होंने साथ ही संवैधानिक तंत्र की विफलता पर राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजने की चेतावनी दी. 


‘अंतिम निर्णय लेने से पहले कार्रवाई करने की सलाह’
राज्यपाल पुरोहित ने मान को संविधान के अनुच्छेद-356 और भारतीय दंड संहिता(आईपीसी) की धारा 124 के तहत यह अंतिम निर्णय लेने से पहले कार्रवाई करने की सलाह भी दी. आमतौर पर राज्यपाल द्वारा रिपोर्ट भेजे जाने के बाद अनुच्छेद-356 के लागू होने पर किसी राज्य को केंद्र के सीधे शासन के तहत लाया जाता है. आईपीसी की धारा 124 राष्ट्रपति या राज्यपाल पर हमला करने या उन्हें उनकी कानूनी शक्तियों का प्रयोग करने से गलत तरीके से रोकने से संबंधित है.


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