Punjab News: पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधा है. उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स से एक पोस्ट कर लिखा कि सीएम भगवंत मान नशे की समस्या के खिलाफ अपर्याप्त उपकरणों वाले अभियान का आंकलन इस तथ्य से किया जा सकता है कि गुरदासपुर रेड क्रॉस नशामुक्ति केंद्र ब्यूप्रेनोर्फिन गोलियों की भारी कमी के कारण बंद होने के कगार पर है, जिसका उपयोग नशे की लत से उत्पन्न होने वाले तीव्र दर्द के इलाज के लिए किया जाता है.


बाजवा ने आगे लिखा कि जब मुख्यमंत्री लुधियाना में नशा विरोधी रैली करने में व्यस्त थे, तब 25 और 26 साल के दो भाई फाजिल्का जिले में अपने गांव में मृत पाए गए. 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने सरकार बनने के चार महीने के भीतर राज्य से नशीली दवाओं के खतरे को खत्म करने की कसम खाई थी. फिर 15 अगस्त, 2023 को पंजाब के सीएम ने पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए एक और साल मांगा. अब भी, आप सरकार नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने के लिए पर्याप्त ईमानदार नहीं दिखती है. वे नशा विरोधी अभियानों से प्रचार पाने में अधिक रुचि रखते हैं.



नशा तस्करों पर नकेल ने कस पाई सरकार


प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि AAP सरकार नशा तस्करों पर नकेल नहीं कस पाई है. प्रदेश में नशे का कारोबार बेलगाम होता जा रहा है. नशीली दवाओं के बड़े तस्करों पर पुलिस नकेल कसने की बजाय खानापूर्ति करती है. बाजवा ने कहा कि पुलिस नशा करने वालों को परेशान करती है लेकिन उसकी जड़ तक नहीं पहुंचती. 


नशे के खिलाफ हजारों युवाओं को दिलाई थी शपथ


बता दें कि नशा के खिलाफ पंजाब सरकार लगातार अभियान चला रही है. अभी कुछ दिन पहले ही सीएम भगवंत मान स्वर्ण मंदिर में अरदास के बाद हजारों युवाओं को नशे के खिलाफ लड़ने की शपथ दिलाई थी. 


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