Punjab News: पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ जहां गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की पैरवी के लिए किए गए वकीलों की फीस के 55 लाख रुपए बकाया है. जिसको लेकर सीएम भगवंत मान ने साफ कहा है कि वो अंसारी के वकीलों की फीस नहीं देंगे. जिसको लेकर सीएम मान और कैप्टन में खींचतान चल रही है. वहीं अब एक और मामला सामने आया है जिसमें किसान भवन में तैनात किए गए एनएसजी कमांडोज का 5 करोड़ का किराया भगवंत मान सरकार के ऊपर आ गया है.
चंडीगढ़ के किसान भवन को देना है किराया
1992 में बीजेपी और अकाली दल की सरकार थी, उस समय आतंकवाद के डर की वजह से तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल ने एनएसजी कमांडोज तैनात किए थे. जिनके रहने की व्यवस्था चंडीगढ़ के किसान भवन के सेकंड फ्लोर पर की गई थी. जिसका किराया पंजाब सरकार को देना था. लेकिन 30 साल बीत जाने के बाद भी बादल या कांग्रेस की सरकार ने किसान भवन का ये किराया नहीं चुकाया. जिसकी वजह से अब किसान भवन की अथॉरिटी मौजूदा आप सरकार से 5 करोड़ रुपए किराया मांग रही है. अथॉरिटी की तरफ से पुलिस को इस संबंध में पत्र लिखा गया है और किराए के रुपयों की मांग की है. यानि अब देनदारी पंजाब सरकार के सिर आ गई है.
क्या अब आप भरेगी किराया?
अब बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या अब पंजाब सरकार अकाली दल-बीजेपी के गठबंधन सरकार की तरफ से NSG कमांडोज का किराया भरेगी. क्योंकि 30 साल में कई सरकारें बदली लेकिन किसी ने किराया नहीं दिया. सरकार का मामला होने की वजह से किसान भवन अथॉरिटी ने भी भुगतान के लिए ज्यादा दबाव नहीं डाला. अभी रेनोवेशन के चलते एनएसजी कमांडों ने भवन खाली कर दिया, लेकिन किसान भवन अथॉरिटी अब पंजाब सरकार से किराए के भुगतान की मांग कर रही है. वहीं सरकार इस असमंजस में है कि आखिर 5 करोड़ रुपए का भुगतान किस खाते से किया जाए क्योंकि पंजाब सरकार पहले ही वित्तीय संकट से जूझ रही और उसपर भी एक बड़ा कर्ज है. इसलिए पंजाब सरकार अब इस मामले में कानूनी सलाह ले रही है.
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