Punjab Politics: पंचायतें भंग करने को लेकर कांग्रेस के निशाने पर आई AAP, सरकार पर फैसला वापस लेने का बनाया दवाब
CM मान ने अभी कुछ दिन पहले प्रदेश की सभी पंचायतों को भंग कर दिया था. जिसको लेकर कांग्रेस सड़कों पर उतरी, कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने आप पर निशाना साधा.
Punjab News: पंजाब कांग्रेस ने मंगलवार को राज्य में सभी पंचायतों को भंग करने के आप सरकार के हालिया फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और इसे “तानाशाही” और “देश के संघीय ढांचे पर सीधा हमला” बताया. पंजाब सरकार ने 10 अगस्त को एक आदेश में सभी ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों को भंग कर दिया। चुनाव नवंबर और दिसंबर में होंगे. मंगलवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि सरपंच निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और यह निर्णय आप सरकार द्वारा उनके स्वशासन के अधिकार को छीनने का एक “घृणित” प्रयास है.
वडिंग ने भी सीएम मान पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि यह फैसला “देश के संघीय ढांचे पर सीधा हमला और संविधान का उल्लंघन” है. पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने “तानाशाही” फैसले के लिए भगवंत मान सरकार की आलोचना की और पूछा, “क्या होगा यदि पंजाब के राज्यपाल अपनी संवैधानिक शक्तियों का उपयोग करें और आप सरकार को उसके कार्यकाल से छह महीने पहले भंग कर दें? क्या मुख्यमंत्री चुप रहेंगे या न्याय की दुहाई देंगे?” पंजाब की सत्तारूढ़ पार्टी पर राज्य भर में पंचायतों के नेताओं और सदस्यों को “डराने” का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए, बाजवा ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस पार्टी इस तरह के किसी भी “अत्याचार” को बर्दाश्त नहीं करेगी.
चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर खड़े किए सवाल
मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे पत्र में बाजवा ने कहा, “यह हैरान करने वाली बात है कि पंचायत चुनावों की तारीखों की घोषणा इतनी पहले कर दी गई है, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के चुनाव 25 नवंबर, 2023 तक होने हैं, उसके बाद 31 दिसंबर, 2023 तक दो चरणों में पंचायत चुनाव होंगे. बाजवा ने लिखा, “समय पर चुनाव के महत्व को हालांकि कम करके नहीं आंका जा सकता, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि उचित प्रक्रिया का पालन किया जाए और चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता बनाए रखी जाए. जिस जल्दबाजी के साथ इतनी जल्दी इन तारीखों की घोषणा की गई है, उससे चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं.
‘सरकार पर फैसला वापस लेने लिए दवाब डालेंगे’
वडिंग ने कहा,“हम इस असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक फैसले के खिलाफ लड़ना जारी रखेंगे और सरकार पर फैसला वापस लेने के लिए दबाव डालेंगे. पंजाब कांग्रेस ने पहले ही पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर आप सरकार के पंचायतों को भंग करने के फैसले को चुनौती दी है.