Haryana News: हरियाणा कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को मिली जेड-प्लस सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए है. इसके साथ ही चुनाव आयोग से सुरक्षा के नाम पर भेदभाव पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है. कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मनोहर लाल खट्टर अब बीजेपी के करनाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार है. हम पूछना चाहते हैं कि किस आधार पर मनोहर लाल खट्टर को जेड-प्लस सुरक्षा दी गई है.


‘केवल एक पूर्व मुख्यमंत्री को क्यों दी गई जेड-प्लस सुरक्षा’ 
कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने आगे कहा कि अगर पूर्व मुख्यमंत्रियों को जेड-प्लस सुरक्षा दी जा रही है तो दो पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जेड-प्लस सुरक्षा क्यों नहीं दी गई. कांग्रेस विधायक ने कहा कि ऐसा क्या वजह है कि केवल एक पूर्व मुख्यमंत्री को जेड-प्लस सुरक्षा दी गई है. आफताब अहमद ने आरोप लगाया कि राजनेताओं को सुरक्षा कवर के विस्तार में विभिन्न मानदंडों का इस्तेमाल किया जा रहा है. 


‘सुरक्षा के नाम पर भेदभाव नहीं होना चाहिए’
आफताब अहमद ने कहा कि सभी को एक समान सुरक्षा मिलनी चाहिए. किसी के साथ सुरक्षा के नाम पर भेदभाव नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह मतदाताओं को गलत तरीके से प्रभावित भी करता है और चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए.


बता दें कि मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था. हरियाणा सरकार ने खतरे के आकलन का हवाला देते हुए खट्टर की जेड-प्लस सुरक्षा व शीर्ष सुरक्षा कवर जारी रखने का फैसला किया था.


फ्लोर टेस्ट की मांग पर आई थी खट्टर की प्रतिक्रिया
बता दें कि 3 निर्दलीय विधायकों के कांग्रेस में जाने से हरियाणा की राजनीति में घमासान मचा है. पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की ओर से राज्यपाल को पत्र लिखकर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई थी. जिसपर मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव की कोई संभावना नहीं दिख रही है, अगर संभावना बनी तो फ्लोर टेस्ट होगा. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों को जो लिखना है वो लिखें, अगर वो फ्लोर पर आएंगे तब 33 में से 23 विधायकों को संभालकर रख लें ये बड़ी बात होगी.


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