Haryana News: हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस, बीजेपी, जेजेपी, इनेलो और आम आदमी पार्टी के बीच सियासी घमासान अभी से जोर पकड़ने लगी है. खासकर बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए हरियाणा कांग्रेस के कद्दावर नेता भूपेंद्र सिंह हुडा और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Deepender Singh Hooda) अभी जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं. बाप बेटे की जोड़ी की सक्रियता से साफ है कि वो न केवल प्रदेश में कांग्रेस को बल्कि पार्टी की अंदरुनी राजनीति पर भी खुद की पकड़ को भी पहले की तरह बनाए रखने चाहते हैं. 


दरअसल, हरियाणा में आठ माह बाद लोकसभा और 13 माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. एक तरफ बीजेपी एक बार फिर सत्ता पाने की जुगत में लगी हुई है तो दूसरी तरफ कांग्रेस के कद्दावर नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा बीजेपी को अंदरूनी चोट पहुंचाने में लगे हैं. बाप बेटे की जोड़ी के निशान के केवल बीजेपी ही नहीं, बल्कि आप, इनेलो, जेजेपी, बसपा व अन्य लोकल पार्टियां और स्वतंत्र उम्मीदवार हैं. यही वजह है कि कांग्रेस के युवा सांसद एक के बाद एक लगातार बीजेपी को झटके दिए जा रहे हैं. ऐसा लग रहा है मानों अमित शाह की चाणक्य नीति से ही हरियाणा में बीजेपी को सियासी पटखनी देना चाहते हैं. इतना ही नहीं, दीपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा में सभी समुदायों के छोटे-छोटे कुनबे को पार्टी से जोड़ने में लगे हैं. इस रणनीति की वजह से प्रदेश में बीजेपी का कुनबा अब सिमटता जा रहा है. जबकि कांग्रेस का कुनबा लगातार बढ़ता चला जा रहा है.



शाहाबाद के 42 सरपंच कांग्रेस में शामिल


इस बीच पांच सितंबर को दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने दिल्ली निवास पर हरियाणा बीजेपी, जेजेपी, आप बसपा और आईएनएलडी छोड़कर आये स्थानीय नेताओं और उनके समर्थकों को पार्टी में शामिल कराया. मंगलवार को कांग्रेस को ज्वाइन करने वाले लोगों में असंध विधानसभा से पूर्व प्रत्याशी रहे सुल्तान सिंह जांगड़ा जेजीपी, बीजेपी के सतपाल सिंह प्रजापत, एससी सेल जींद जेजेपी के जिला उपाध्यक्ष संजय, हांसा हल्का आप उपाध्यक्ष नरेश कुमार वाल्मीकि, अकरम खान जिला अध्यक्ष किसान मोर्चा INLD, सोनू सैनी आप, जेजेपी के सोमबीर वाल्मीकि, सेवा सिंह वाल्मीकि और अधिवक्ता अशोक (JJP), उमेद, रूपक, जयवीर नम्बरदार, सुनील सिहाग सहित बड़ी संख्या में उनके समर्थकों हैं. सभी लोगों ने कांग्रेस पार्टी की नीतियों में आस्था व्यक्त की और हरियाणा में मौजूदा सरकार को सत्ता से बाहर करने का संकल्प लिया. पांच सितंबर को ही शाहाबाद मारकंडा ब्लॉक के 42 मौजूदा सरपंचों व उनके समर्थकों को पार्टी में शामिल कराया. इससे पहले 27 जुलाई को भी पानीपत, यमुनानगर, हिसार, करनाल से अलग-अलग दलों और संगठनों से आये लोगों को कांग्रेस पार्टी में शामिल कराया था. 


'हरियाणा में BJP की हार तय'


दीपेंदर सिंह हुडा ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश के सभी 36 बिरादरी के लोगों को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है. बीजेपी सरकार ने प्रदेश की जनता के हितों की लगातार अनदेखी की है. हरियाणा में सत्ता परिवर्तन की आवाज जोर पकड़ने लगी है. लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अपनी हार से डरी है. उनका दावा है कि हरियाणा से बीजेपी-जेजेपी जा रही है और कांग्रेस प्रदेश की सता में फिर से वापसी करेगी.


यह भी पढ़ें:  Haryana Politics: देवीलाल की जयंती पर हरियाणा में ताकत दिखाएगा I.N.D.I.A. अलायंस! अभय चौटाला ने किया बड़ा एलान