Haryana News: हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के बाद अब खट्टर सरकार श्रमिकों के पलायन को लेकर विपक्ष के निशाने पर आने वाली है. कांग्रेस इस मुद्दे को बड़ी जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है. 25 अगस्त से शुरू हो रहे हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस इस मुद्दे को उठाने वाली है. जिसकी तैयारी कांग्रेस ने अभी से शुरू कर दी है. कांग्रेस की तरह से नूंह हिंसा के बाद गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और नूंह जिले से पलायन के आंकड़े जुटाने शुरू कर दिए है.
‘5 हजार श्रमिकों ने किया पलायन’
कांग्रेस ने दावा किया है कि दक्षिण हरियाणा के 5 जिलों से करीब पांच हजार श्रमिकों ने पलायन किया है. इसका असर अब निवेश और औद्योगिक वातावरण पर पड़ने वाला है. कांग्रेस ने इसको लेकर 16 अगस्त को अपनी विधायक दल की बैठक बुलाई है. फरीदाबाद की एनआईटी विधानसभा के कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा का कहना है कि नूंह हिंसा के बाद दक्षिण हरियाणा के जिलों से श्रमिकों के पलायन के मुद्दे को कांग्रेस ने गंभीरता से लिया है. विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा करेगी. पलायन की वजह से उद्योग जगत की चिंता बढ़ने वाली है. गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और नूंह जिलों से प्रवासी श्रमिक अपने पैतृक गांवों में पलायन कर गए है.
‘श्रमिकों के लिए सुरक्षित माहौल नहीं बना पाई सरकार’
कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार श्रमिकों के लिए सुरक्षित माहौल नहीं बना पाई है. डर की वजह से प्रवासी श्रमिक जो दक्षिण हरियाणा के जिलों में फल-सब्जी विक्रेता, दिहाड़ी मजदूर, फैक्ट्री श्रमिक आदि का काम करते है वो पलायन कर रहे है. जिससे कारोबार प्रभावित होते जा रहे है. इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ने वाला है. विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि पार्टी की तरफ से उनसे पलायन और नुकसान का विवरण मांगा गया है.
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