Punjab News: पंजाब के अमृतसर का स्वर्ण मंडित गुरुद्वारा श्री हरमंदिर साहिब लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग मत्था टेकने आते है. जिसकी वजह है इस गुरुद्वारे साहिब का अलौकिक रूप. वही अब पंजाब के फाजिल्का का एक गुरुद्वारा साहिब भी अपने अनोखे रूप की वजह से चर्चाओं में छाया हुआ है. फाजिल्का के पुलिस लाइन में बनाए गए इस नवनिर्मित गुरुद्वारा साहिब की खास बात यह है कि ये पूरी तरह लकड़ी से बनाया गया है, जो देश में पहला लकड़ी से बना गुरुद्वारा साहिब है.
लकड़ी से बना देश का पहला गुरुद्वारा
करीब एक महीने पहले यहां श्री गुरुग्रंथ साहिब जी का प्रकाश हुआ है. जिसके बाद से ये आस्था और आकर्षक का केंद्र बना हुआ है. इस गुरुद्वारा साहिब को बनाने में फिनलैंड से मंगवाई गई पाइन लकड़ी का प्रयोग किया गया है. करीब 50 लाख की लागत से तैयार किए गए इस गुरुद्वारा साहिब को 80x160 फुट जगह में तैयार करते हुए बड़े खूबसूरत तरीके से सजाया गया है. यहां रोजाना लोग माथा टेकने आते है और प्रतिदिन उनकी संख्या में इजाफा हो रहा है.
बनाने में लगा 4 महीने का समय
एसएसपी दफ्तर के रीडर दौलत राम का कहना है कि फाजिल्का के पूर्व एसएसपी भूपिंदर सिंह की जब यहां पोस्टिंग हुई तो उन्हें पता चला कि पुलिस लाइन में गुरुद्वारा साहिब नहीं है तो उन्होंने यहां बेहद ही अलग तरफ का गुरुद्वारा साहिब बनाने की ठानी. इसके लिए उन्होंने विदेश में रह रहे अपने मित्रों, स्थानीय लोगों और अपने स्थानीय कर्मचारियों से राशि जुटाई और लुधियाना के कारीगरों ने करीब चार महीने में गुरुद्वारा साहिब बनाकर तैयार कर दिया. बताया जाता है कि लगभग 50 सालों तक इसे कोई नुकसान नहीं होगा. इसे हर तरह से सुरक्षित बनाया गया है. गुरुद्वारा साहिब में रोजाना सुबह साढ़े पांच बजे श्री गुरुग्रंथ साहिब जी का प्रकाश किया जाता है और शाम 8 बजे विश्राम दिया जाता है.