Punjab News: कहते हैं ना आज की लड़कियां लड़कों से कम नहीं है, वो हर क्षेत्र में अच्छा काम कर रही है. इतना ही नहीं आज की लड़कियां अपने पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है और उनका सहारा भी बनती है. ऐसा ही एक उदाहरण है जालंधर की दो बहने, जिनके पिता ने लोन लेकर एक ब्रेकफास्ट का छोटा सा स्टॉल शुरू करवाया है. घर के हालातो को देखते हुए बड़ी बहन जसमीत ने अपनी पढ़ाई छोड़ दी है, लेकिन उसका मानना है कि उसने पढ़ाई छोड़ी नहीं है, बल्कि कुछ समय के लिए हालात को देखते हुए ब्रेक ली है. तो वहीं छोटी बहन सिमरन पढ़ाई भी कर रही है और कॉलेज से आने के बाद वह अपनी बड़ी बहन की काम में मदद करती है. 


पिता का सहारा बनने में मदद कर रही बेटियां
जसमीत और सिमरन का कहना है कि कुछ महीने पहले ही उनके पिता ने लोन लिया था, जिससे उन्होंने एक छोटा सा स्टॉल शुरू किया है, सुबह के वक्त हम यहां पर अमृतसरी नान बेचते है और शाम को बिरियानी हांडी बेचते हैं. बड़ी बहन जसमीत को खाना बनाने का सारा काम आता है और यह काम उसने अपने रिश्तेदार से सीखा है, तो वही छोटी बहन काउंटर पर बैठकर सारा मैनेजमेंट देखते हैं. दोनों बहनों का मानना है कि आज हमारे घर के हालात अच्छे नहीं है, तो हमारा फर्ज बनता है कि हम अपने पिता का सहारा बने. हमारे पिता एक प्राइवेट नौकरी करते हैं, लेकिन उससे घर चलना मुश्किल हो रहा है, जिसके चलते हमने यह स्टाल शुरू किया है. 


सस्ते दामों पर देती है खाना 
जसमीत और सिमरन का कहना है कि हमारा विदेश में जाने का कोई भी प्लान नहीं है, क्योंकि पिता कहते हैं कि जिसने काम करना है वह यहां पर रहकर भी कर सकता है, और जिसने नहीं करना है वह बाहर जाकर भी नहीं करेगा. हमने अपनी चीजों के दाम बहुत सामान्य रखें हैं, जैसे अमृतसर कुलचे की शुरुआत 70 रुपए से हो जाती है, वैसे ही बाकी दाम भी हमने ऐसे ही रखे हैं, ताकि किसी भी ग्राहक को चीज महंगी ना लगे. 


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