Haryana News: दीपेंद्र हुड्डा का दावा- हरियाणा में पिछले 1.5 साल में नशीली पदार्थों से हुई 33 लोगों की मौत
Haryana News: कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हांसी कस्बे में कार्यकर्ता सभा को संबोधित करते हुए कहा, हरियाणा में नशे के सेवन के लिए बेरोजगारी है जिम्मेदार.
Haryana News: कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा में नशे के सेवन के लिए बेरोजगारी को जिम्मेदार ठहराया है. हुड्डा ने बेरोजगारी को लेकर बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला है. सांसद दीपेंद्र हुड्डा का कहना है कि राज्य के कई क्षेत्रों में नशीले पदार्थों के केस एक बड़े अनुपात को छू रहे हैं. हिसार जिले के हांसी कस्बे में एक कार्यकर्ता सभा को संबोधित करते हुए हुड्डा ने कहा कि पिछले डेढ़ सालों में हरियाणा में नशीले पदार्थों के सेवन और ओवरडोज के कारण 33 युवाओं की मौत हो चुकी है.
हुड्डा ने आगे कहा, "हरियाणा देश में नशीले पदार्थों की लत के कारण प्रभावित होने वाले राज्यों में से एक है. इस बुरे लत से छुटकारा पाने वाले युवाओं से यहां के पुनर्वास केंद्र (Rehabilitation centres) भर चुके हैं. दीपेंद्र हुड्डा ने आगे कहा कि रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी के कारण हमारे युवा नशे के गिरफ्त में आ रहे हैं."
हुड्डा ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, "केंद्र सरकार ने 2014 में हर वर्ष 2 करोड़ रुपए देने का वादा किया था लेकिन वह रक्षा विभाग में 1.40 लाख खाली पदों को भी नहीं भर पाई है. गांव में युवा सेना में खुली भर्ती की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार ने अभी तक उनकी बात नहीं सुनी.
दरअसल राज्यसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा हरियाणा में दो प्रत्याशियों की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद कांग्रेस ने राज्य के पार्टी विधायकों के मांग पर गौर करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा को प्रत्याशी बनाने का ऐलान किया. हरियाणा में राज्यसभा सीटों के तीनों उम्मीदवार, बीजेपी के दुष्यंत गौतम और राम चंदर जांगर व कांग्रेस प्रत्याशी दीपेंद्र सिंह हुड्डा आज नामांकन के अंतिम दिन अपना पर्चा दाखिल करेंगे.
बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा दिन में की, जबकि कांग्रेस ने 42 साल के दीपेंद्र हुड्डा के नाम का ऐलान गुरुवार देर शाम किया. उल्लेखनीय है कि हरियाणा कांग्रेस प्रमुख कुमारी शैलजा का राज्यसभा कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है. राज्यसभा सीट के लिए शैलजा और दीपेंद्र के बीच उम्मीदवारी की दौड़ थी. लेकिन पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने दीपेंद्र की उम्मीदवारी का समर्थन किया था.
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