Om Prakash Chautala disproportionate assets Case: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को दोषी ठहराए जाने और चार साल की सजा देने से संबंधित उनका जेल रिकॉर्ड बृहस्पतिवार को मांगा. न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने इस मामले में चौटाला की दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देने के साथ-साथ निचली अदालत में उनकी सजा को निलंबित करने की उनकी याचिका पर केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया.


वरिष्ठ वकील सुधीर नंदराजोग ने अदालत से पूर्व मुख्यमंत्री की चार साल की सजा को निलंबित करने का आग्रह करते हुए दलील दी कि वह पहले ही इस मामले में पांच साल जेल की सजा काट चुके हैं. न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा,‘‘ मुझे इस पर विचार करने दें, मैं आपको एक तारीख दूंगा.’’ इसके बाद उन्होंने मामले को 25 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.


आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर सुनाई थी 4 साल की सजा


विशेष न्यायाधीश विकास ढल ने 27 मई को 1993 से 2006 तक आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में चौटाला को चार साल की सजा सुनाई थी और उन पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. न्यायाधीश ने संबंधित अधिकारियों को उनकी चार संपत्तियों को जब्त करने का भी निर्देश दिया था. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने चौटाला के खिलाफ 2005 में मामला दर्ज किया था. एजेंसी ने 26 मार्च 2010 में दाखिल आरोप पत्र में आरोप लगाया था कि चौटाला ने 1993 से 2006 के बीच आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति जुटाई.


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सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, चौटाला ने 24 जुलाई 1999 से पांच मार्च 2005 तक हरियाणा का मुख्यमंत्री रहते हुए परिवार और अन्य के साथ साठगांठ कर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक चल एवं अचल संपत्ति अर्जित की. यह संपत्ति चौटाला और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर अर्जित की गई.


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