Om Prakash Chautala News: दिल्ली हाई कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ अपील लंबित रहने के दौरान हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की चार साल की कैद की सजा निलंबित कर दी है. न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने चौटाला को जमानत देते हुए कहा कि निचली अदालत की तरफ से लगाए गए 50लाख रुपये के जुर्माने के भुगतान औक पांच लाख रुपये के जमानती बांड औक उतने का ही मुचलका भरने के बाद ही सजा का निलंबन संभव है.


हाई कोर्ट ने कहा कि चौटाला ने निश्चित ही हिरासत में डेढ साल बिताये हैं और अपील में वक्त लग सकता है. कोर्ट ने बुधवार को जारी किये गये आदेश में कहा, ‘‘ अपीलकर्ता/आवेदक (चौटाला) की सजा वर्तमान अपील के लंबित रहने तक लंबित की जाती है लेकिन उसके लिए निचली अदालत द्वारा लगाये गये 50 लाख रुपये के जुर्माने का भुगतान करना जरूरी है तथा निचली अदालत की इच्छा के मुताबिक पांच लाख रुपये के जमानती बांड और उतने का ही मुचलका भरना आवश्यक है. अपीलकर्ता निचली अदालत की अनुमति के बगैर विदेश नहीं जाएगा. ’’


इस आदेश में अदालत ने यह भी कहा कि वैसे तो चौटाला को इस मामले में जमानत मिल गयी है और उन्होंने जमानती बॉन्ड भरा भी है लेकिन वह हिरासत में ही हैं और उन्हें अन्य मामले में सुनायी गयी सजा के कारण जेल से कभी रिहा नहीं किया गया. निचली अदालत ने 27 मई को चौटाला को 1993-2006 के बीच आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने के जुर्म में चार साल की कैद की सजा सुनायी थी और 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.


हाई कोर्ट ने इस सजा को निलंबित करने के चौटाला के अनुरोध पर इस सप्ताह के शुरुआत में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. सीबीआई ने उनपर 1993-2006 के दौरान आय के वैध स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते 2005 में मामला दर्ज किया था और 26 मार्च, 2010 को आरोपपत्र दाखिल किया था. सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार 24 जुलाई, 1999 से पांच मार्च, 2005 तक हरियाणा का मुख्यमंत्री रहने के दौरान चौटाला ने अपने परिवार के सदस्यों एवं अन्य के साथ साठगांठ कर चल एवं अचल संपत्तियां अर्जित की थीं जो उनकी और उनके परिवार के सदस्यों की आय के ज्ञात वैध स्रोत से अधिक थी.


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