Delhi-Mumbai Expressway पर लग्जरी कारों की नहीं थम रही रफ्तार, 260 KM की रफ्तार से दौड़ी फरारी, कैमरे में कैद
Delhi-Mumbai Expressway News: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर स्थापित वीएसडीएस से पता चलता है कि इस पर चलने वाली सुपरकारों का हर दिन का औसत 5-6 है और गति सीमा का उल्लंघन करने वाली कारों की संख्या 500 है.
Gurugram News: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) पर मर्क्स, बीएमडब्ल्यू, फेरारी और पॉर्श जैसी दूसरी कारें हर दिन फर्राटे भरती हैं. इस दौरान कई बार इन कारों की स्पीड 200 से ऊपर रहती हैं. एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की रफ्तार 120 किमी प्रति घंटा निर्धारित है, लेकिन इससे दोगुनी रफ्तार में लग्जरी कारें दौड़ती हैं. इस बीच कैमरे में कैद हुई एक फरारी कार की स्पीड 260 किमी प्रति घंटा दर्ज हुई है.
एक्सप्रेसवे पर स्थापित व्हीकल स्पीड डिटेक्शन सिस्टम (वीएसडीएस) से पता चलता है कि सड़क पर चलने वाली सुपरकारों का हर दिन का औसत 5-6 है और गति सीमा का उल्लंघन करने वाली कारों की संख्या 500 है. पिछले दो महीनों में नूंह में एक्सप्रेसवे पर एक रोल्स-रॉयस और एक मर्सिडीज कार का एक्सीडेंट हुआ. दोनों 200 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से चल रही थीं. इस हादसें में तीन लोगों की मौत हो गई. इस एक्सप्रेसवे पर गुरुग्राम से राजस्थान के दौसा तक रोज 20000 हजार से ज्यादा कारें चल रही हैं और हर किलोमीटर पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं.
एनएचएआई ने हरियाणा पुलिस से मांगी थी मदद
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एक्सप्रेसवे पर यातायात मानदंडों को लागू करने में मदद के लिए अगस्त में हरियाणा पुलिस को लिखा था. ऐसे में गुरुग्राम जिले में एक्सप्रेसवे पर वीएसडीएस और स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे स्थापित किए गए, इसलिए वीएसडीएस डेटा सिर्फ गुरुग्राम तक ही सीमित है.
एनएचएआई के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि वीएसडीएस ने गुरुग्राम में पिछले 20 दिनों में एक्सप्रेसवे पर लगभग 6,000 वाहनों को निर्धारित गति से ज्यादा रफ्तार में दर्ज किया. इनमें से लगभग 100 फेरारी, बीएमडब्ल्यू, रोल्स-रॉयस, पोर्श, मर्क्स और अन्य ऐसी हाई-एंड कारें थीं, जो 200-260 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थीं. अधिकारी ने कहा, "इतनी तेज गति से ओवरटेक करना घातक हो सकता है. 200 किमी प्रति घंटे से ऊपर चलने वाली कारें आसानी से नियंत्रण खो सकती हैं और सामान्य गति से चल रहे ट्रकों या अन्य वाहनों से टकरा सकती हैं."
'पुलिस के लिए गाड़ियों को रोकना सुरक्षित नहीं'
एनएचएआई के परियोजना निदेशक मुकेश कुमार मीणा ने कहा कि वह वीएसडीएस को यातायात पुलिस प्रणाली के साथ एकीकृत करने के लिए हरियाणा पुलिस के साथ बातचीत कर रहे हैं. मीणा ने कहा, "हम हरियाणा पुलिस के आईजीपी (यातायात) के संपर्क में हैं और सिस्टम को प्रवर्तन उपायों के साथ एकीकृत करने के लिए एक टीम पहले ही हमारे एक्सप्रेसवे नियंत्रण कक्ष का दौरा कर चुकी है."
मीणा ने बताया कि एनएचएआई एक्सप्रेसवे का प्रबंधन करता है, लेकिन उसके पास यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, "हम कैमरा नेटवर्क से डेटा एकत्र करते हैं और कार्रवाई के लिए पुलिस को वाहनों के विवरण के साथ अलर्ट भेजते हैं." वहीं डीसीपी (यातायात) गुरुग्राम वीरेंद्र विज ने सोमवार को कहा कि चालान काटने के लिए हाई-स्पीड कॉरिडोर पर पुलिस तैनात करना व्यावहारिक नहीं था. उन्होंने कहा, "पुलिस के लिए एक्सप्रेसवे पर खड़ा होना और तेज रफ्तार वाहनों को रोकना सुरक्षित नहीं है. कैमरे उल्लंघनकर्ताओं का पता लगाने और उन्हें दंडित करने का सबसे अच्छा तरीका है."
फरवरी में सोहना से दौसा तक शुरू हुआ था एक्सप्रेसवे
गौरतलब है कि गुरुग्राम के सोहना से राजस्थान के दौसा तक एक्सप्रेसवे का 246 किमी खंड इस साल फरवरी में यातायात के लिए खोल दिया गया था. आठ लेन का एक्सप्रेसवे हरियाणा में 160 किमी की दूरी तय करता है, जो गुरुग्राम में 11, नूंह में 47 और पलवल में सात गांवों से होकर गुजरता है. हाईवे लाइटों की लगातार चोरी, पार्क किए गए ट्रकों द्वारा लेन पर कब्जा, अनधिकृत ढाबों और यात्रियों का सोशल मीडिया रील्स के लिए रुकना उन चुनौतियों में से एक है, जिनका सामना एनएचएआई को हाईवे के प्रबंधन में करना पड़ रहा है.
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