Haryana News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए बड़ा फैसला लिया गया है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की तरफ से फैसला लिया गया है कि दिल्ली और एनसीआर में 1 अक्टूबर से डीजल से चलने वाले जनरेटरों पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. जिसको लेकर विभिन्न आरडब्ल्यूए महासंघों ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से मांग की है कि अगर ये आदेश उनकी तरफ से लागू किया जाता है तो फिर 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाने चाहिए.
पावर बैकअप रखना मजबूरी
दिल्ली-एनसीआर और गुरुग्रामवासियों का कहना है कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के फैसले का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि बिजली विभाग की तरफ से किए जाने वाले कट की वजह से उन्हें पावर बैकअप उपकरणों का इस्तेमाल करना पड़ता है. गुरुग्रामवासियों का कहना है कि उनके हालात और भी खराब है उन्हें रोजाना करीब 4 घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है, जो खराबी होने पर 18 घंटे तक भी बढ़ जाती है. इसलिए वो पावर बैकअप के बिना नहीं रह सकते.
रोजाना 3 से 4 घंटे होती है बिजली कटौती
यूनाइटेड एसोसिएशन ऑफ न्यू गुरुग्राम के अध्यक्ष प्रवीण मलिक का कहना है कि रोजाना लगभग सभी सोसायटियों में तीन से चार घंटे की बिजली कटौती होती है. जो गर्मियों और बरसात के मौसम में बहुत आम है ऐसे में वो बिना बिजली के कैसे रह सकते है. वहीं लोगों ने अपनी सोसायटियों में बिल्डरों को बैकअप के लिए पहले ही भुगतान कर दिया है. इसके अलावा अगर सोसायटियों में लिफ्ट जैसी सेवाओं को चलाने के लिए लगाए गए बिजली बैकअप को हटा दिया जाए तो क्या होगा. ऐसे में अब अगर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को अपना फैसला लागू करना है तो नियमित बिजली आपूर्ति करें. अगर बिना कट के बिजली की आपूर्ति होगी तो डीजल जनरेटर की जरूरत नहीं पड़ने वाली है.
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