Gurugram: गुरुग्राम के एक होटल में गोली मारकर हत्या किए जाने के 11 दिन बाद शनिवार को हरियाणा के फतेहाबाद जिले में एक नहर से दिव्या पाहुजा का शव बरामद किया गया. सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) वरुण दहिया ने कहा कि टोहाना में भाखड़ा नहर से क्षत-विक्षत अवस्था में शव बरामद हुआ. सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने शव की पहचान दिव्या पाहुजा की पीठ पर बने टैटू से की.


एसीपी क्राइम वरुण दहिया ने बताया कि बलराज गिल की गिरफ्तारी के बाद शव के ठिकाने के बारे में एक सुराग सामने आया, जो अपने सहयोगी रवि बंगा के साथ दिव्या का शव लेकर भाग गया था. पुलिस ने एनडीआरएफ की 25 टीमों की मदद से पटियाला से लेकर फतेहाबाद के खनौरी तक शव की तलाश शुरू की. सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने शव की एक तस्वीर दिव्या के परिवार को भेजी, जिसके बाद उन्होंने टैटू के कारण शव की पहचान की. पुष्टि होने के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया.


सिटी प्वाइंट होटल में हुई थी हत्या


दिव्या की 2 जनवरी को गुरुग्राम बस स्टैंड के पास सिटी प्वाइंट होटल के कमरा नंबर 111 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस के अनुसार, दिव्या और सिटी पॉइंट होटल के मालिक अभिजीत सिंह एक रिश्ते में थे और दिव्या ने अपने मोबाइल से उसकी कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें हटाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद वह गुस्से में था. बलराज ने पहले कहा था कि उसने रवि के साथ मिलकर दिव्या के शव को पंजाब के पटियाला के पास भाखड़ा नहर में फेंक दिया था.


अनुमान लगाया जा रहा है कि शव बहकर हरियाणा में आ गया होगा. बलराज को तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर गुरुग्राम लाया जा रहा है. उन्होंने खुलासा किया कि शव को भाखड़ा नहर में फेंकने के बाद उन्होंने अपराध में इस्तेमाल की गई बीएमडब्ल्यू को पटियाला बस स्टैंड पर छोड़ दिया था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बलराज ने खुलासा किया कि 2 जनवरी की रात वह और रवि बीएमडब्ल्यू में शव लेकर गुरुग्राम से निकले थे. पटियाला में कार छोड़ने के बाद वे सबसे पहले टैक्सी से उदयपुर गए.


आरोपी रवि अभी भी फरार


इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों का पता लगाया तो पता चला कि वे उदयपुर के एक होटल में ठहरे हुए हैं. जब तक पुलिस टीम उदयपुर पहुंची, दोनों आरोपी वहां से भाग निकले और चंडीगढ़ लौट आए. चंडीगढ़ से बलराज और रवि एक ट्रेन में सवार हुए और हावड़ा पहुंचे, जिसके बाद वे अलग हो गए. बलराज और रवि के विदेश भागने की आशंका के बीच गुरुवार को गुरुग्राम पुलिस ने उनके लिए लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया था.


अगले ही दिन एयरपोर्ट पुलिस ने बलराज को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया. रवि अभी भी फरार है. इस मामले में जिन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वह है अभिजीत, उसके सहयोगी ओम प्रकाश, हेमराज और एक महिला मेघा, जो मुख्य आरोपी को हत्या के हथियार के डॉक्यूमेंट्स और पीड़ित के अन्य निजी सामान को ठिकाने लगाने में मदद करते हैं.


अभिजीत के संपर्क में कैसे आई थी दिव्या


दिव्या जेल में बंद गैंगस्टर बिंदर गुज्जर के माध्यम से अभिजीत के संपर्क में आई, जिसे 2016 में मुंबई में हुई गुरुग्राम पुलिस के साथ गैंगस्टर संदीप गाडोली की कथित 'फर्जी मुठभेड़' में मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है. दिव्या इस मामले में मुख्य आरोपी थी. बाद में, उसे गैंगस्टर की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया और उसने सात साल जेल में बिताए. उसे पिछले साल जून में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. दिव्या के परिवार का आरोप है कि उसकी हत्या की साजिश गाडोली के परिवार वालों ने अभिजीत के साथ मिलकर रची थी.


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