Haryana News: चंडीगढ़-नई दिल्ली शताब्दी में बुधवार को एक कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर की मौजूदगी से एक बुजुर्ग की जान बच गई. दरअसल, बुधवार सुबह चंडीगढ़ से नई दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस से 61 वर्षीय नरेंद्र मोहन गुप्ता भी सफर कर रहे थे. इस दौरान उन्हें सीट पर बैठे-बैठे हार्ट अटैक आ गया. वो जब अपनी सीट से गिरने लगे तो पास बैठे यात्रियों ने उन्हें संभाल लिया. जिसके बाद तुरन्त मामले की सूचना रेलवे टीटीई और पुलिस को दी गई. 


ट्रेन में बुजुर्ग को आया हार्ट अटैक
61 वर्षीय नरेंद्र मोहन गुप्ता की तबियत और बिगड़ती गई. तभी ट्रेन में अनाउंस करवाया गया कि अगर ट्रेन में कोई डॉक्टर मौजूद है तो बुजुर्ग को संभाले. जिसके बाद ट्रेन में मौजूद कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. मनोज गुप्ता तक भी यह सूचना पहुंच गई. डॉ. मनोज गुप्ता ने सीपीआर देकर बुजुर्ग की जाम बचाई. जिसके बाद कुरुक्षेत्र स्टेशन पर ट्रेन को रोका गया. कुरुक्षेत्र स्टेशन मास्टर शंकर लाल मीणा और आरपीएफ स्टाफ ने मोर्चा संभालते हुए एंबुलेंस के माध्यम से तुरंत नरेंद्र मोहन गुप्ता को अस्पताल पहुंचाया. वहीं मरीज के परिजनों तक भी सूचना पहुंचा दी गई.   


सीपीआर से बच सकती है हार्ट अटैक पैशेंट की जान
जिस सीपीआर तकनीक के माध्यम से बुजुर्ग की जान बचाई गई. दरअसल, उसे कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) कहते है. हार्ट अटैक आने की स्थिति में जीवनरक्षक साबित हो सकती है. सांस या दिल की धड़कन रुकने पर व्यक्ति को अगर समय सीपीआर दे दिया जाए तो मौत के खतरे को कम किया जा सकता है और पैशेंट की जान बचाई जा सकती है. हार्ट अटैक आने पर छाती को सही गति से दबाने की प्रक्रिया रक्त के संचार को ठीक रखने में मददगार हो सकती है. सभी को इस तकनीक का ज्ञान होना चाहिए इसकी ट्रेनिंग करनी चाहिए. ताकि समय रहते किसी के अमूल्य जीवन को बचाया जा सके.


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