Haryana Politics: हरियाणा में 2024 में होने वाले विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां तेज हो गई है. बीजेपी के सिर पर दो बार जीत का सेहरा बंध चुका है. ऐसे में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की 'सेना' कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. 2024 में ही लोकसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में चर्चाएं जोरों पर हैं कि लोकसभा चुनावों के आसपास ही हरियाणा में विधानसभा के चुनावों का बिगुल भी बज सकता है. इसी को देखते हुए बीजेपी ने प्रदेश में बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं.


हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा में आज से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक शुरू हुई है, जिसे हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है. 14 मार्च तक चलने वाली इस बैठक में चुनावी रणनीति पर खास चर्चा होने की संभावना है. इस बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (J.P Nadda) समेत कई बड़े दिग्गज नेता आने वाले हैं. इसके साथ-साथ 34 विभिन्न संगठनों के 1400 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल होने वाले हैं. 


मुसलमानों से वोट बैंक बढ़ाने की रणनीति


आपको बताते चलें कि हरियाणा में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक 12 साल बाद हो रही है. जिसकी एक बड़ी वजह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव भी हैं. 2014 में जहां बीजेपी ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी. वहीं बीजेपी 2019 के विधानसभा चुनावों में बहुमत लायक सीटें भी नहीं ला पाई थी. ऐसे में उसे 'जननायक जनता पार्टी' जैसे एक नए दल का सहारा लेकर सरकार बनानी पड़ी. उस चुनाव में हरियाणा बीजेपी के बड़े-बड़े दिग्गज नेता भी चारों खाने चित होते दिखाई दिए थे. यानी उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. जबकि जननायक जनता पार्टी का यह हरियाणा में पहला चुनाव था. 2019 के चुनावों से ही हरियाणा में बीजेपी को अपनी लोकप्रियता घटती नजर आ रही है. इसीलिए आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में मुस्लमानों को साधने को लेकर भी रणनीति बनाई जा रही है. बीजेपी किसी भी तरह अपने वोटबैंक को बढ़ाना चाहती है. 


जिला लेवल पर ठोस जमीन तैयार कर रही BJP


इस बार हरियाणा में बीजेपी 2019 से सबक लेते हुए हर जिले पर अलग रणनीति बनाने में जुटी है. सभी विधानसभा क्षेत्रों में समीकरण के हिसाब से रणनीति तय हो रही है. सूत्रों का मानना है कि एक पूरी टीम इसके लिए काम करने में जुटी है. बीजेपी के साथ-साथ आरएसएस द्वारा भी ग्राउंड लेवल पर काम किया जा रहा है. ताकि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए एक ठोस जमीन तैयार हो सके. इतना ही नहीं क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण के आधार पर भी काम किया जा रहा है. वहीं अनुसूचित जाति सहित उन जातियों का विश्वास हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है जो कांग्रेस या किसी अन्य दलों के प्रभाव में है. 


पानीपत में राहुल गांधी ने दिया था बड़ा बयान


हरियाणा में भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के दूसरे चरण के दौरान राहुल गांधी ने पानीपत में ही एक विशाल जनसभा को संबोधित किया था. राहुल ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा था. राहुल ने कहा था कि 'बीजेपी वाले पूछते हैं कि आखिर ये यात्रा क्यों कर रहे हैं. तो मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि नफरत के बाजार में मोहब्बत का दुकान खोल रहा हूं.' इस यात्रा से जुड़े करोड़ों लोग मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं. पानीपत में राहुल गांधी की रैली के लिहाज से भी आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक यहां होना महत्वपूर्ण बताया जा रहा है. 


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