Ellenabad Bypoll: हरियाणा के सिरसा जिले के ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर शनिवार को वोटिंग हो जा रही है. इंडियन नेशनल लोकदल के उम्मीदवार अभय सिंह चौटाला की नजरें एक बार फिर इस सीट पर जीत हासिल करने पर टिकी हैं. चौटाला ने केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके चलते इस सीट पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी है. चुनाव के नतीजे 2 नवंबर को आएंगे.


अभय चौटाला की मुख्य टक्कर कांग्रेस और बीजेपी के साथ है.हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख और विधायक गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा ने हाल में बीजेपी का दामन थाम लिया था. वह इस सीट पर भाजपा-जजपा गठबंधन के उम्मीदवार हैं. पिछले चुनाव में अभय चौटाला से हार का सामना करने वाले पवन बेनीवाल कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं. वह हाल में बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे.


कृषि कानूनों के मुद्दे पर जनवरी में अभय चौटाला के इस्तीफे के कारण सिरसा जिले में पड़ने वाले इस ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव की जरूरत पड़ी. 1.85 लाख से अधिक मतदाता इस सीट पर मतदान के पात्र हैं. इनमें 98,000 से अधिक पुरुष और 86,000 महिलाएं शामिल हैं.


अभय चौटाला की पकड़ है मजबूत


उपचुनाव में कुल 19 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें ज्यादातर निर्दलीय हैं. ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण है, जहां ज्यादातर लोग कृषि पर निर्भर हैं.


ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर 14 बार चुनाव हो चुके हैं, जिसमें दिवंगत देवीलाल के नेतृत्व वाली पार्टी के उम्मीदवार ही विजयी हुए हैं. हालांकि, इस बार चीजें थोड़ी अलग हैं क्योंकि चौटाला परिवार के कई सदस्य भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार का हिस्सा हैं.


अभय चौटाला की नजर तीसरी बार उपचुनाव में जीत हासिल करने पर है. इससे पहले, उन्होंने 2000 में सिरसा जिले में रोरी विधानसभा सीट और 2010 में ऐलनाबाद से उपचुनाव जीता था. इसके बाद 2014 में हुए चुनाव में भी उन्हें जीत मिली. साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्हें इस सीट से जीत हासिल हुई और वह विधानसभा में जाने वाले इनेलो के एकमात्र विधायक थे.


हरियाणा में एक साल में दूसरी बार उपचुनाव होने जा रहा है. पिछले साल नवंबर में, बरोदा सीट पर हुए उपचुनाव में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के उम्मीदवार इंदुराज नरवाल ने भाजपा उम्मीदवार और ओलंपियन पहलवान योगेश्वर दत्त को हराया था. सोनीपत जिले की बरोदा सीट कांग्रेस विधायक श्री कृष्ण हुड्डा के निधन के बाद खाली हुई थी.


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