Punjab News: पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने कथित तौर पर करोड़ों रुपये के अमरूद पेड़ मुआवजा घोटाले के सिलसिले में पंजाब सिविल सेवा के एक सेवानिवृत्त अधिकारी को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है. ब्यूरो ने यह जानकारी देते हुए बताया कि घोटाले के सिलसिले में यह 20वीं गिरफ्तारी है, जिसमें एसएएस नगर (मोहाली) जिले के बाकरपुर गांव में 'ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी' (जीएमएडीए) द्वारा अधिग्रहीत भूमि के मुआवजे में लगभग 124 करोड़ रुपये का गलत दावा किया गया था.


2 सेवानिवृत्त राजस्व अधिकारियों की हो चुकी गिरफ्तारी
सतर्कता ब्यूरो के बयान के मुताबिक, जिस अवधि में कथित घोटाला हुआ था उस दौरान आरोपी जगदीश सिंह जोहल जीएमएडीए के भूमि अधिग्रहण कलेक्टर (एलएसी) थे. बयान के अनुसार, जोहल ने उनके नाम और शेयरों वाली गलत मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर फर्जी लाभार्थियों को गलत भुगतान के वितरण को मंजूरी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस मामले में पिछले सप्ताह जीएमएडीए की एलएसी शाखा में तैनात दो सेवानिवृत्त राजस्व अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया गया था.


124 करोड़ रुपए की राशि की गई
गिरफ्तार किए गए सेवानिवृत्त राजस्व अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान कहा कि जगदीश सिंह जोहल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके उन्हें राजस्व रिकॉर्ड की अनदेखी करने और बागवानी विभाग की मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार भुगतान के वितरण की मंजूरी के लिए मजबूर किया. उन्होंने बताया कि इसके बाद जोहल ने खुद भुगतान को मंजूरी दी और कई लोगों को 124 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी. जिससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा. वहीं वास्तविक लाभार्थियों का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए GMADA के मुख्य प्रशासक के तरफ से अमरूद के बागों का निरीक्षण करने, पेड़ों की उम्र का पता लगाने, ड्रोन मैपिंग सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी का आदेश दिया गया था. वहीं गुरुवार को गिरफ्तार किया गया सुरिंदरपाल मुख्य आरोपी में से एक है. जिसे करोड़ों के अमरूद पौधों के मुआवजा घोटाले में आरोपी के रूप में नामजद किया गया था.


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