Punjab News: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही वहां फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा गरमाया हुआ है. पंजाब सरकार ने यूक्रेन (Ukraine) में फंसे अपने राज्य के छात्रों की मदद के लिए पहल शुरू की है. यूक्रेन में फंसे 500 से अधिक विद्यार्थियों के परिवारों ने पंजाब के प्रशासन के साथ छात्रों का ब्योरा साझा किया है. पंजाब सरकार के अधिकारियों ने कहा कि संबंधित जिला प्रशासनों के साथ साझा किये गये इस ब्योरे को इन विद्यार्थियों की सुरक्षित वापसी के लिए केंद्र के पास भेज दिया गया है.


इस बीच आनंदपुर साहिब के कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे इस पूर्वी यूरोपीय देश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए अपने पद का उपयोग करने का अनुरोध किया है. तिवारी ने पत्र में लिखा है, ''सोशल मीडिया पर फैले इन युवा विद्यार्थियों के दिल पसीज जाने वाले वीडियो से पता चलता है कि हमारे लड़के और लड़कियों के साथ यूक्रेन-पोलैंड सीमा पर बहुत बुरा बर्ताव किया जा रहा है.''


उन्होंने आगे कहा, ''मैं जानता हूं कि यह मुश्किल घड़ी है लेकिन मुझे पता चला है कि अब भी हमारे 20,000-30,000 लड़के -लड़कियां यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में फंसे हैं और उनका एक बड़ा हिस्सा पूर्वी यूक्रेन में है जो रूस की सीमा के समीप है.''


चन्नी की ओर से उठाया गया यह मुद्दा


कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से इस अभियान को देख रहे मंत्रियों को यूक्रेन से हर एक भारतीय को सुरक्षित वापस लाने के लिए प्रयास एवं संसाधन दोगुणा कर देने की सलाह देने की अपील की है.


पंजाब सरकार ने यूक्रेन में फंसे राज्य के लोगों की मदद के लिए 24 घंटे चलने वाले समर्पित नियंत्रण कक्ष नंबर स्थापित किये हैं. फंसे हुए विद्यार्थियों के परिवारों ने सरकार से उन्हें निकालने की प्रक्रिया की रफ्तार बढ़ाने की अपील की है. 


पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने भी केंद्र सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाया है. पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूरे मामले में पीएम नरेंद्र मोदी के दखल की मांग की है.


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