Farmer Protest: किसान आंदोलन की बाकी बची हुई मांगों को लेकर किसान संगठन एक बार फिर से एक्टिव हो गए है. बाकी बची हुई मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून भी शामिल है और इसको लेकर किसान संगठनों ने केंद्र सरकार को घेरने के लिए नई रणनीति बनाई है. किसानों के कई सगंठनों ने कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के वास्ते कानून बनाने की मांग पर जोर देने के लिए एक नया मोर्चा बनाया है.
महाराष्ट्र से दो बार के सांसद एवं स्वाभिमानी पक्ष के नेता राजू शेट्टी ने कहा कि किसान संगठनों की बैठक में एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा शुरू करने का फैसला किया गया. किसानों की बैठक के बाद शेट्टी ने कहा, ''हम एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा के बैनर तले आंदोलन शुरू करेंगे. अगले छह महीनों में हम एमएसपी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर राज्य के प्रत्येक जिले का दौरा करेंगे.''
बैठक में उत्तर प्रदेश से वी. एम. सिंह, हरियाणा से रामपाल जाट, पंजाब से बलराज सिंह, झारखंड से राजाराम सिंह सहित कई किसान नेता शामिल हुए. नेताओं ने कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर वैधानिक गारंटी की मांग करते हुए प्रत्येक ग्राम सभा द्वारा एक प्रस्ताव को अपनाने के मुद्दे पर जोर देने का फैसला किया.
एसकेएम भी बना रहा है योजना
शेट्टी ने कहा कि ग्राम परिषद से इन प्रस्तावों को भारत के राष्ट्रपति के पास भेजने का आग्रह किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर देशव्यापी आंदोलन की घोषणा के लिए राष्ट्रीय राजधानी में तीन दिवसीय किसान सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. शेट्टी ने कहा कि सभी किसानों को गन्ना किसानों को भुगतान के लिए केन्द्र द्वारा निर्धारित उचित पारिश्रमिक मूल्य की तर्ज पर ही उनकी फसलों के लिए एमएसपी मिलना चाहिए.
बता दें कि केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन को खत्म करवाने के लिए एमएसपी गारंटी कानून को लेकर कमेटी बनाने का वादा किया था. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से अभी तक यह वादा पूरा नहीं किया गया है. संयुक्त किसान मोर्चा भी केंद्र सरकार के खिलाफ एमएसपी गारंटी को लेकर नया आंदोलन शुरू करने की योजना बना रहा है.
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