Farmer Protest: पंजाब सरकार के खिलाफ किसानों ने अपनी बाकी बची मांगों को लेकर आंदोलन छेड़ रखा है. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का हिस्सा रहे कई संगठन अलग अलग तरीकों से पंजाब सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. किसान मजदूर संघर्ष समिति ने रेल रोको आंदोलन शुरू कर रखा है, जबकि भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) की ओर से जिला सचिवालयों के बाहर धरने लगाए गए हैं. हालांकि पंजाब के 32 किसान संगठन आज सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit SIngh Channi) से मिलने पहुंचे हैं.


पंजाब के किसान संगठनों की मांग है कि जिन लोगों ने किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाई है उनके परिजनों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए. इसके अलावा आंदोलन के दौरान दर्ज हुए केसों की वापसी भी मुख्य मुद्दा है. पंजाब के किसान संगठन कांग्रेस से 2017 के विधानसभा चुनाव में किए गए कर्ज माफी के वादे को भी पूरा करने की मांग कर रहे हैं.


पंजाब के सभी जिला सचिवालयों के बाहर बीकेयू (उगराहां) ने 20 दिसंबर को स्थाई मोर्चे लगाए थे. बीकेयू की ओर से दावा किया गया है कि वह 24 दिसंबर तक इसी तरह अपने आंदोलन को जारी रखेगा और इसके बाद आंदोलन को तेज किया जाएगा.


कर्ज माफी है बड़ा मुद्दा


वहीं किसान मजदूर संघर्ष समिति का रेल रोको अभियान चौथे दिन भी जारी है. इस अभियान की वजह से बुधवार को पंजाब में 128 ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुईं. रेलवे के फिरोजपुर मंडल के अधिकारियों के अनुसार 59 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया. 34 ट्रेनों को उनके नियत प्रस्थान स्टेशन की जगह किसी दूसरे स्टेशन से चलाया गया और 35 ट्रेनों को उनके निर्धारित गंतव्य स्टेशन से पहले ही रोक दिया गया.


किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने सोमवार को आंदोलन शुरू किया था. वे पूर्ण कर्ज माफी, कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर चले आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा देने और उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.


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