Farmer Protest: तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले बिल के संसद में पास होने के बावजूद किसानों का आंदोलन जारी है. आंदोलन कर रहे किसानों ने एमएसपी गारंटी और अपनी बाकी मांगों को पीएम मोदी को लेटर लिखा है. किसानों ने पीएम मोदी को लेटर का जवाब देने के लिए एक दिसंबर का वक्त दिया है. इसके साथ ही किसान आंदोलन को लेकर बड़ा फैसला करने के लिए एक दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई है. 


एसकेएम 40 किसान यूनियन का नेतृत्व कर रहा है. इसने अफसोस जताया कि कृषि कानून निरसन विधेयक,2021 को जब सोमवार को संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया, तब उस पर चर्चा करने की अनुमति नहीं दी गई.


किसान नेताओं ने कहा, ''यह हमारी जीत है और एक ऐतिहासिक दिन है. हम किसानों के खिलाफ मामले वापस लिया जाना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि फसलों के लिए एमएसपी पर एक समिति गठित की जाए. केंद्र के पास हमारी मांगों का जवाब देने के लिए बुधवार तक का समय है. हमने भविष्य की रणनीति पर चर्चा करने के लिए बुधवार को एसकेएम की एक आपात बैठक बुलाई है.''


वापस लिया जा सकता है आंदोलन


एसकेएम ने एक बयान में कहा कि कृषि कानूनों को निरस्त किया जाना किसान आंदोलन की पहली बड़ी जीत है लेकिन अन्य अहम मांगें अब भी लंबित हैं. एसकेएम ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजन को मुआवजा देने की भी मांग की.


सूत्रों ने संकेत दिया कि सरकार ने यदि किसानों की शेष मांगों पर विचार करने का इरादा प्रकट किया या गारंटी दी तो आंदोलन वापस लिया जा सकता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में कोई भी अंतिम फैसला एसकेएम की आपात बैठक में लिया जाएगा.


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