Farmer Protest: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन (Farmer Protest) जल्द ही निर्णायक मोड़ पर पहुंच सकता है. 26 नवंबर को किसानों की ओर से संसद की तरफ कूच करने के संकेत मिले हैं. किसान नेता गुरमान सिंह चढूनी ने कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा के कहने पर वो 26 नवंबर को संसद की तरफ कूच करने को तैयार हैं. 26 नवंबर को किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने जा रहा है.
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हरियाणा के किसान संगठनों की ओर से कड़ौली टोल प्लाजा पर बैठक बुलाई गई थी. गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, ''संयुक्त किसान मोर्चा कहेगा तो वह संसद कूच करने के लिए तैयार है. हरियाणा ने अपनी तरफ से प्रस्ताव पास कर दिया है कि वह संसद कूच के लिए पूरी तरह से तैयार है.''
किसान नेता ने हालांकि संसद कूच करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा पर छोड़ा है. उन्होंने कहा, ''इससे पहले 9 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के बीच में बात रखी जाएगी.''
बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर की मांग
हरियाणा के किसान सांसद द्वारा दिए गए बयान को लेकर भी नाराज दिखे. उन्होंने सांसद डॉ अरविंद शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की. गुरनाम सिंह ने कहा, ''जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने किलोई मंदिर पर हुए मामले को लेकर बयान दिए हैं, उन पर प्रशासन द्वारा केस दर्ज किए जाने चाहिए. सांसद अरविंद शर्मा और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के खिलाफ एफ आई आर दर्ज होनी चाहिए.''
साथ ही पंचायत में यह प्रस्ताव भी पास किया गया कि खराब हुई फसलों का मुआवजा 40,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जाना चाहिए. यही नहीं जो बिजली के टावर खेतों में से लगाए जा रहे हैं उनका भी उचित मुआवजा अगर नहीं मिलता है तो उनके काम को रोक दिया जाएगा और सरकार को भी स्वयं उस काम को रोक देना चाहिए.
Punjab News: विधानसभा का स्पेशल सत्र सोमवार से, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पास होगा प्रस्ताव