Farmer Protest: तीन कृषि कानूनों के रद्द होने के बाद हरियाणा की बीजेपी सरकार ने भी किसानों की मांग को स्वीकार करने के संकेत दिए हैं. हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब राज्य सरकार ने किसानों की अन्य मांगों पर भी केंद्र के साथ मंथन शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मामलों के संबंध में राज्य सरकार के पास अपना आंकड़ा है, जिस पर विचार किया जा रहा है.
हरियाणा सरकार जल्द ही किसानों पर आंदोलन के दौरान दर्ज हुए केस वापस ले सकती है. उपमुख्यमंत्री ने कहा, ''फैसले मिलकर लिए जाते हैं, न तो सरकार और न ही आंदोलन कर रहे लोग अकेले फैसला ले सकते हैं. जैसे ही आपसी सहमति बनेगी, उस पर सरकार अपना निर्णय लेगी.''
वह झज्जर में नौ दिसंबर को अपनी जननायक जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाली की रैली के मद्देनजर भिवानी और नारनौल में कार्यकर्ताओं को संबोधित करने पहुंचे थे. कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसान अब उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों को भी वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
एमएसपी पर खरीद का किया दावा
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो सालों में भारतीय जनता पार्टी-जजपा गठबंधन सरकार ने राज्य में प्रत्येक वर्ग और क्षेत्र के लिए विकास कार्य किए है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में औद्योगिक विकास को लेकर बेहतरीन माहौल बनाया गया है और इससे बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार ने देशभर में सबसे ज्यादा फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की है और उसका भुगतान सीधे किसानों के खातों में किया गया.
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