Haryana News: किसान आंदोलन की मांगों को पूरा करने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से जल्द ही अहम कदम उठाया जा रहा है. किसानों की मांग है कि उनके ऊपर आंदोलन के दौरान दर्ज हुए केसों को वापस लिया जाना चाहिए. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस मांग को स्वीकार करने के संकेत दिए हैं. मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसानों के साल भर लंबे आंदोलन के दौरान उन पर पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने की किसानों की मांग पर वह सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे.


मनोहर लाल खट्टर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के इस बयान के बारे में पूछा गया था कि किसानों के खिलाफ मामले रद्द करना राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में है. खट्टर ने एक सवाल के जवाब में कहा, ''यह सही है. मामले वापस लेना राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है.' 


मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसानों ने अपना आंदोलन अभी खत्म नहीं किया है क्योंकि वे केंद्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने के बाद अब भी अपनी अन्य मांगों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं. खट्टर ने कहा, ''जब किसानों का आंदेलन अंतिम स्थिति में पहुंच जाएगा, हम वह करेंगे जो हमारी सरकार को अपनी ओर से करना है. हालांकि, उन्होंने अपना आंदोलन अब तक खत्म नहीं किया है. हम इन सभी चीजों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे.''


बीजेपी की मुश्किलें हो सकती हैं कम


भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा इकाई के प्रमुख ओम प्रकाश धनखड़ ने भी किसानों पर दर्ज हुए केसों की वापसी के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा, ''प्रदेश भाजपा प्रमुख होने के नाते में कह रहा हूं कि इन सभी चीजों पर विचार किया जाएगा.''


संसद ने सोमवार को कृषि कानून निरसन विधेयक,2021 पारित कर तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया है. केंद्र सरकार के इस कदम से हरियाणा सरकार की मुश्किलें कम हो सकती हैं. 


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