पंजाब के गुरदासपुर में किसानों के प्रदर्शन के चलते छह ट्रेन रद्द, रेल पटरी पर खड़े किए ट्रैक्टर
Punjab Farmers Protest: बटाला रेलवे स्टेशन पर किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) के बैनर तले किसान अनिश्चितकालीन 'रेल रोको' आंदोलन चला रहे हैं. इसके चलते सोमवार को छह ट्रेनें रद्द कर दी गईं.
Punjab News: पंजाब के गुरदासपुर जिला स्थित बटाला रेलवे स्टेशन पर किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) 'रेल रोको' आंदोलन चला रही है. इस वजह से सोमवार को छह ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर रविवार से अनिश्चितकालीन विरोध शुरू किया है. इनकी मांगों में सड़क परियोजनाओं के लिए अधिगृहीत भूमि और खराब मौसम के कारण फसल के नुकसान के लिए उचित मुआवजे की मांग शामिल है.
अमृतसर-पठानकोट खंड पर बटाला में रेल ट्रैक पर खड़े हैं ट्रैक्टर
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, किसानों के विरोध के कारण सोमवार को अमृतसर-पठानकोट खंड पर पठानकोट से वेरका, अमृतसर से पठानकोट, अमृतसर से कादियान पैसेंजर समेत छह ट्रेनें रद्द कर दी गईं. प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को बटाला स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर अपने ट्रैक्टर खड़े कर दिए और केंद्र व पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. केएमएससी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने केंद्र और राज्य सरकारों से उनकी मांगों को स्वीकार करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि यह हमारे विरोध का दूसरा दिन है.
फसल के नुकसान के बदले उचित मुआवजे की मांग
पंढेर ने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को खराब मौसम के कारण फसल को नुकसान के लिए किसानों को मुआवजा देना चाहिए. पंढेर ने कहा कि गुरदासपुर के उपायुक्त और बटाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सोमवार को उनसे बातचीत की. पंढेर ने कहा कि अधिकारियों ने हमें कुछ प्रस्ताव दिए हैं, जिन पर अभी विचार किया जाना है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप कर उन्हें हमारे मुद्दों का समाधान करना चाहिए.
गेहूं खरीद के नियमों में ढील देने की भी कर रहे मांग
सड़क परियोजनाओं के लिए अधिगृहीत भूमि के लिए उचित राशि की मांग के अलावा, किसान राज्य में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल के नुकसान के लिए प्रति एकड़ 50 हजार रुपये के मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं. वे केंद्रीय पूल के लिए गेहूं की खरीद के नियमों में ढील देने की भी मांग कर रहे हैं. बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज-तेज हवाओं ने पंजाब के कई इलाकों में गेहूं और अन्य फसलों को नुकसान पहुंचाया है. राज्य सरकार ने पहले ही मौसम की मार के कारण फसल नुकसान के मुआवजे में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा कर दी है. प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि वे चाहते हैं कि राज्य सरकार कृषि ऋण पर ब्याज माफ करे और कर्ज की किस्तों को छह महीने के लिए टाल दे. पंढेर ने कहा कि राज्य सरकार को फसल नुकसान के आकलन के लिए विशेष गिरदावरी (राजस्व सर्वेक्षण) की प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए.