Farmer Protest: किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली से वापसी नहीं करने के संकेत दिए हैं. संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि किसान आंदोलन की मांगों को लेकर दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन जारी रहेगा. किसान आंदोलन की आगे की रणनीति के बारे में संयुक्त किसान मोर्चा ने 7 दिसंबर को बेहद ही अहम बैठक बुलाई है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ किया है कि जब तक केंद्र सरकार सभी मांगों को स्वीकार नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने हालांकि केंद्र सरकार से बातचीत करने के लिए पांच सदस्यों की समिति बनाई है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को किसानों पर दर्ज मामले लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून की गांरटी, मुआवजे और बाकी मांगों के बारे में स्थिति स्पष्ट करने के लिए दो दिन का समय दिया गया है. एसकेएम ने बताया कि सात दिसंबर को मोर्चे की दोबारा बैठक होगी.
सात दिसंबर को होगा बड़ा फैसला
एसकेएम ने किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 702 किसानों की सूची केंद्र को भेजी गई है जिनके परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की गई है. इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में कहा था कि उनके पास आंदोलन में मरने वाले लोगों की जानकारी नहीं है.
केंद्र सरकार की ओर से भी आंदोलन की बाकी मांगों को लेकर सहमति बनाने की कोशिश जारी है. केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी को लेकर कमेटी बनाने के लिए एसकेएम से पांच नेताओं के नाम मांगें हैं. एसकेएम सात दिसंबर को होने वाली अपनी बैठक में केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को लेकर भी बड़ा फैसला ले सकता है.
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