Farmer Protest: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का एक साल पूरा हो गया है. पीएम मोदी के कानून वापसी के एलान के बाद भी संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने आंदोलन को तेज करने का फैसला लिया है. एसकेएम के नेताओं ने सारी मांगें पूरी करवाने के लिए 29 नवंबर से टैक्टर रैली निकालने का फैसला किया है. दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं के इस आह्वान के मद्देनज़र सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेड्स लगाने शुरू कर दिए हैं.


एसकेएम को दिल्ली पुलिस की ओर से ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति नहीं मिली है. सिंघु बॉर्डर पर एसकेएम की ओर से 27 नवंबर को एक मीटिंग बुलाई गई है. इस मीटिंग में आंदोलन के आगे की रणनीति पर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. हालांकि मौजूदा हालात में किसानों का दिल्ली कूच करना बेहद मुश्किल नज़र आ रहा है. 


दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली की सीमाओं पर 144 भी लगा दी गई है, ताकि किसानों को इकट्ठा होने से रोका जा सके और कानून व्यवस्था बनी रहे. हाइवे पर बड़े बड़े कंटेनर, कंक्रीट के ब्लॉक, डंपर ट्रक आदि बेरिकेड लगना शुरू हो गए हैं. दिल्ली पुलिस की ओर बॉर्डर से करीब 500 मीटर दूर पर ही बड़े बड़े कंटेनर लगा दिए गए हैं.


दिल्ली जाने की कोशिश करेंगे किसान


भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ''हम खुले रास्तों से दिल्ली जाने की कोशिश करेंगे. अभी तक प्रशासन से हमारी इस मसले पर कोई बात नहीं हुई है.''


दरअसल कृषि कानून वापसी का ऐलान हो चुका है, लेकिन किसान अभी भी सड़क पर डटे हुए हैं. दूसरी ओर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. किसान संगठनों ने साफ कर दिया है कि जैसे तीनों कृषि कानूनों पर सरकार को झुकना पड़ा, उसी तरह अब एमएसपी समेत 5 मांगों पर किसानों की बातें सरकार को माननी पड़ेंगी.


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