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Farmers Protest: पिपली में महापंचायत के बाद नेशनल हाईवे जाम, MSP और गिरफ्तार किसानों को रिहा करने की मांग

किसान बचाओ महापंचायत पिपली में आयोजित की गई. जिसके बाद किसानों ने नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया. किसानों की मांग है कि सूरजमुखी के बीज को MSP पर खरीदा जाए और गिरफ्तार किसानों को रिहा किया जाए.

Haryana News: किसानों ने सूरजमुखी के बीज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने की मांग को लेकर सोमवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पिपली में महापंचायत की जिसके बाद उन्होंने एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया. दिल्ली को चंडीगढ़, अमृतसर और जम्मू से जोड़ने वाले राजमार्ग पर देर रात तक जाम रहने के कारण पुलिस को यातायात के मार्ग में परिवर्तन करना पड़ा. भारतीय किसान यूनियन चढूनी द्वारा बुलाई गई ‘‘एमएसपी दिलाओ, किसान बचाओ महापंचायत’’ राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के पास पिपली में एक अनाज मंडी में आयोजित की गई थी.

‘मांगे पूरी ना होते तक हाईवे रहेगा बंद’
महापंचायत के बाद किसान राजमार्ग पर जमा हुए और उसे अवरुद्ध कर दिया. पुलिस ने दिल्ली की ओर से आ रहे वाहनों को कुरुक्षेत्र बाईपास की ओर मोड़ दिया. सूरजमुखी के बीज के लिए एमएसपी के अलावा, प्रदर्शनकारी किसान उन नौ किसान यूनियन नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं, जिन्हें हाल में यहां शाहाबाद में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था. उनका कहना था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक राजमार्ग अवरुद्ध रहेगा. महापंचायत में विभिन्न खाप के नेता और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत के अलावा, भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया भी मौजूद थे. इस महापंचायत में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान भी शामिल हुए.

‘हाईवे जाम होने से रुट किया गया डायवर्ट’
महापंचायत में किसान नेता करम सिंह मथाना ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने उनकी मांगों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ एक बैठक का आश्वासन दिया था. उन्होंने कहा हालांकि अब वे कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री करनाल से निकल गए हैं. मथाना ने कहा इस वजह से महापंचायत का आयोजन करने वाली स्थानीय समिति ने हमारी मांगें पूरी होने तक राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को बंद करने का फैसला किया. यह राजमार्ग दिल्ली-कुरुक्षेत्र-अमृतसर मार्ग को जोड़ता है. कुरुक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक एस. एस. भोरिया ने सोमवार शाम कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित होने की वजह से यातायात के मार्ग में परिवर्तन किया गया है. उन्होंने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों से उनके मुद्दों का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए बातचीत कर रहे हैं.

किसानों पर हुआ था लाठीचार्ज
कुरुक्षेत्र के उपायुक्त शांतनु शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एमएसपी पर सूरजमुखी के बीज की खरीद के मुद्दे को हल करने के लिए जिला प्रशासन, बीकेयू नेताओं के साथ रविवार से बातचीत कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘आज भी हमने उनसे कुछ समय देने के लिए कहा ताकि हम मुख्यमंत्री के साथ बैठक की व्यवस्था कर सकें. हालांकि, भाकियू नेताओं ने राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया. उन्होंने कहा कि किसानों को नाकाबंदी हटाने के लिए कहा जा रहा है. भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में किसानों ने छह जून को शाहाबाद के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को इस मांग के साथ छह घंटे से अधिक समय तक जाम कर दिया था कि सरकार सूरजमुखी के बीज न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदे. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार का इस्तेमाल करने के साथ ही लाठीचार्ज किया था. बाद में, भाकियू(चढूनी) के अध्यक्ष सहित इसके नौ नेताओं को दंगा और गैर-कानूनी सभा सहित विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार किया गया था.

किसान नेताओं के रिहाई की मांग
सोमवार को महापंचायत में शामिल हुए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को एमएसपी पर सूरजमुखी की खरीद करनी चाहिए और शाहाबाद में गिरफ्तार किसान नेताओं को रिहा करना चाहिए. महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने घोषणा की कि ‘‘केंद्र सरकार द्वारा किये गए वादे के अनुसार अगर एमएसपी के लिए एक कानून नहीं लाया गया, तो संयुक्त किसान मोर्चा एक अखिल भारतीय आंदोलन शुरू करेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार एमएसपी की घोषणा तो करती है, लेकिन उस दर पर उसकी खरीद करने में विफल रहती है. टिकैत ने 6 जून को राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को अवरुद्ध करने को लेकर चढूनी और किसानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की और सवाल किया भाकियू (चढूनी) नेता ने जब सूरजमुखी की फसल के लिए एमएसपी की मांग की थी, तो उन्होंने क्या गलत किया. 

पिपली महापंचायत में बोले टिकैत
टिकैत ने कहा कि हालांकि विभिन्न किसान संगठनों ने अपने बैनर तले पिपली महापंचायत में भाग लिया, लेकिन वे सभी किसानों की लड़ाई में एकजुट हैं. उन्होंने कहा कि सूरजमुखी के लिए एमएसपी का मुद्दा न केवल हरियाणा के किसानों को प्रभावित करता है, बल्कि देशभर में विभिन्न फसलों की बुआई करने वालों को एमएसपी कानून नहीं होने के चलते मजबूरी में बिक्री करनी पड़ती है. महापंचायत को संबोधित करते हुए, कुछ किसान नेताओं ने सरकार की ‘किसान विरोधी’ नीतियों और किसान नेताओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के लिए आलोचना की. उन्होंने मांग की कि सरकार एमएसपी पर सूरजमुखी के बीज खरीदे और हाल ही में शाहाबाद में गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों को रिहा किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार अब केंद्र द्वारा तय एमएसपी पर सूरजमुखी की खरीद से इनकार कर रही है. भविष्य में वे एमएसपी पर गेहूं और धान सहित अन्य फसलों को खरीदने से इनकार कर सकते हैं. 

सीएम खट्टर ने जारी की थी मुआवजे की राशि
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को 36,414 एकड़ में उगने वाले सूरजमुखी के लिए 8,528 किसानों को अंतरिम मुआवजे के रूप में 29.13 करोड़ रुपये जारी किए थे. किसान मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार सूरजमुखी को 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे. भावांतर भरपाई योजना के तहत राज्य सरकार एमएसपी से नीचे बेची जाने वाली सूरजमुखी की फसल के लिए अंतरिम समर्थन के रूप में 1,000 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है.

यह भी पढ़ें: Haryana Politics: लोकसभा और विधानसभा चुनाव क्या अलग-अलग लड़ेगी बीजेपी-जेजेपी? देविंदर बबली ने किया ये दावा

 

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