Punjab News: 13 फरवरी को प्रस्तावित किसानों के 'दिल्ली चलो' विरोध मार्च से पहले एक बार फिर पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि देश के हर राज्य से तमिलनाडू, केरला, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से करोड़ों की संख्या में किसान मंगलवार को दिल्ली कूच करेंगे. सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि सोमवार को वे ब्यास से रवाना हो रहे हैं और फतेहगढ़ साहिब में रुकेंगे. शाम को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों के साथ मीटिंग के बाद आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा.


सरवन सिंह पंधेर ने आगे कहा कि हमारी मांग है एमएसपी गारंटी कानून, स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू किया जाए, गन्ने को C200 के साथ जोड़ा जाना चाहिए, लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए पीड़ितों को न्याय दिलवाया जाए. किसानों पर लगे सभी केस वापस होने चाहिए. बिजली संशोधन बिल वापस लिया जाना चाहिए. मनरेगा 200 दिन चले 700 रुपए मजदूरों की दिहाड़ी हो, आदिवासियों के लिए संविधान की पांचवी अनुसूची लागू हो, फसली बीमा योजना सरकार अपने दम पर करे. 60 साल के किसान और खेत मजदूर को 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जानी चाहिए. इन सब मांगों को लेकर वे प्रदर्शन करने वाले है. 



‘किसान को राष्ट्रविरोधी कहा जाना दुर्भाग्यपूर्ण’
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत के किसान को राष्ट्रविरोधी कहा जाता है. हम राष्ट्रविरोधी नहीं हैं, हम इस देश के नागरिक हैं. 75 वर्षों से हमारी मांगें थीं नहीं सुना गया. हम शांति से आगे बढ़ेंगे और हमारा उद्देश्य है कि सरकार हमारी मांगों को सुने.


‘अगर स्थिति खराब हुई तो खट्टर सरकार की जिम्मेदारी’
वहीं हरियाणा सरकार द्वारा पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर की जा रही सख्ती को लेकर रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की भी प्रतिक्रिया आई थी. उन्होंने कहा कि सड़कों पर अवरोधक लगाए जाने की निंदा करते हुए कहा कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं और बातचीत से कभी नहीं भागेंगे. अगर स्थिति खराब हुई तो इसकी जिम्मेदारी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की होगी. 


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