Delhi Farmers Protest: शंभू और खनौरी बॉर्डर पर केएमएम और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के विरोध प्रदर्शन का बुधवार को 23 वां दिन है. इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढ़ेर की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि पहले एक घोषणा की गई थी कि अन्य राज्यों के किसान 6 मार्च से दिल्ली की ओर मार्च शुरू करें लेकिन दूर-दराज से आने वाले किसान आज दिल्ली नहीं पहुंच पाएंगे.
मध्य प्रदेश, बिहार या दक्षिण भारत से सड़क या ट्रेन से आने वाले किसान आज नहीं पहुंच पाएंगे. उन्हें कम से कम 2-3 दिन और लगे जाएंगे. इसलिए 10 मार्च तक स्थिति साफ हो जाएगी. आसपास के राज्यों के किसानों ने पहले ही आगे न बढ़ने का फैसला कर लिया है.
'दिल्ली में धारा 144 क्यों लगाई’
किसान नेता सरवन सिंह पंढ़ेर ने कहा कि सरकार कहती है कि ट्रैक्टर-ट्राली के बिना दिल्ली आ सकते है. लेकिन जंतर-मंतर पर तो धारा 144 लगी है. इसके साथ ही दिल्ली में भी कई जगहों पर धारा 144 लगी हुई है. इसका मकसद केंद्र सरकार स्पष्ट करें. आज किसान आंदोलन को 23 दिन हो गए है और इससे पांच दिन पहले से 28 दिन से पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर बंद कर रखे है.
‘पंजाब की आर्थिकता का नुकसान, केंद्र जिम्मेदारी’
किसान नेता ने कहा कि इससे पंजाब की आर्थिकता का जो नुकसान हुआ है इसके लिए केंद्र जिम्मेदारी है. पंजाब से बहुत सी चीजें बाहर जानी है तो बाहर से बहुत सा सामान पंजाब के अंदर जाना है. लोगों को इतनी दिक्कत आ रही है. क्या केंद्र सरकार बताएगी देश को ये दिक्कत क्यों दी जा रही है. हमने अपनी तरफ से कोई रोड ब्लॉक नहीं कर रखी है. हरियाणा में जो 70 हजार अर्धसैनिक बल लगाया गया है. उसके लगाने का क्या कारण है. क्या खतरा है सरकार को हरियाणा के लोगों से. इस स्थिति को भी हरियाणा या केंद्र सरकार स्पष्ट करें.
क्यों दिल्ली के लोगों को समस्या दे रहे हैं- पंढ़ेर
पंढ़ेर ने कहा कि अभी भी दिल्ली में गाजीपुर, सिंधु और टिकरी बॉर्डर है वहां सर्विस रोड अकेले खोले गए है हम तो कहते है कि सारा खोल दिजिए हम तो बहुत दूर है. पंजाब-हरियाणा के किसानों की तरफ से अभी तक तो यह फैसला लिया है अभी हम आगे नहीं बढ़ेगे. फिर क्यों दिल्ली के लोगों को समस्या दे रहे है उनका नुकसान कर रहे है. नुकसान क्यों किया जा रहा है इसका जवाब भी केंद्र सरकार को देना चाहिए.
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