Farmers Delhi March: फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों का जत्था शुक्रवार (6 दिसंबर) को शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए रवाना होगा. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ''शुक्रवार को 101 किसानों का जत्था पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करेगा.''


पंढेर ने कहा, ''सरकार क्या करेगी, यह उन्हें सोचना है. हम शंभू बॉर्डर से दोपहर 1 बजे दिल्ली की ओर अपना मार्च शुरू करेंगे. अब भी अगर सरकार उन्हें मार्च निकालने से रोकती है, तो यह उनके लिए नैतिक जीत होगी.''


उन्होंने कहा, ''जिस तरह से बैरिकेडिंग की जा रही है, उससे लगता है कि यह अंतरराष्ट्रीय सीमा बन गई है. हरियाणा के कई किसान नेताओं के घरों पर नोटिस चिपकाए जा रहे हैं. हम केंद्र सरकार को यह कहने का मौका नहीं देंगे कि किसान अहंकारी हैं और बातचीत नहीं करना चाहते. जब भी हमें बातचीत का निमंत्रण मिलेगा, हम इस पर फैसला करेंगे.''


पुलिस अधिकारी ने क्या कहा?


पुलिस उप महानिरीक्षक मनदीप सिंह सिद्धू (पटियाला रेंज) ने दावा किया कि किसानों ने पुलिस को आश्वासन दिया है कि वे शांतिपूर्ण रहेंगे और मार्च में ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं ले जाएंगे. उन्होंने मार्च करने वालों के बारे में कहा कि वे पैदल जाएंगे.


इस बीच हरियाणा में अंबाला प्रशासन ने बुधवार को किसानों से अपने मार्च पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए उन्हें दिल्ली पुलिस से अनुमति मिलने के बाद ही किसी भी कार्रवाई पर विचार करने को कहा था.


न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, स्थानीय प्रशासन ने पहले ही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू कर दी है, जिससे जिले में पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और शंभू सीमा के पास विरोध स्थल पर नोटिस जारी किए गए हैं. 


दिल्ली पुलिस तैयार
किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस अलर्ट है. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अभी सिंघू सीमा पर सुरक्षा कर्मियों की कोई अतिरिक्त तैनाती नहीं है. हमने राष्ट्रीय राजधानी की ओर किसानों के मार्च से पहले दिल्ली-चंडीगढ़ राजमार्ग पर सिंघू सीमा पर एक महत्वपूर्ण तैनाती की योजना बनाई है. हम स्थिति का विश्लेषण कर रहे हैं और अगर हमें किसानों के आंदोलन के बारे में कोई खुफिया इनपुट या जानकारी मिलती है, तो उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा.


मुख्य रूप से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे किसानों ने पहले 13 फरवरी और 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर शंभू और खनौरी में सुरक्षा बलों ने रोक दिया था. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान तब से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. अब किसानों ने फिर से आंदोलन तेज करने की योजना बनाई है.


सरकार की अपील


केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने गुरुवार (5 दिसंबर) को कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के हित में कई कदम उठाए हैं और अगर कोई समस्या है तो उन्हें कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात करनी चाहिए. पासवान ने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने किसानों के लिए जितना किया है, उतना किसी अन्य सरकार ने नहीं किया. हमने उनकी हर क्षेत्र में मदद की है.’’ 


किसानों की क्या है मांग?


एमएसपी के अलावा किसान लोन माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करना और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना भी उनकी दो मांगें हैं.


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