Kisan Mazdoor Morcha On Union Budget 2024: पंजाब के किसानों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश बजट 2024 की आलोचना की है. पंजाब में किसानों ने मंगलवार (23 जुलाई) को दावा किया कि वित्त मंत्री की ओर से पेश केंद्रीय बजट में कृषि क्षेत्र की अनदेखी की गई और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी गारंटी देने पर भी चुप्पी साध ली गई.


पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) नेता सरवन सिंह पंढेर ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि बजट में कृषि क्षेत्र को नजरअंदाज किया गया है. 


बजट में कृषि क्षेत्र को नजरअंदाज किया गया- सरवन सिंह पंढेर 


सरवन सिंह पंधेर ने कहा, ''बजट में न तो एमएसपी को कानूनी गारंटी देने और न ही कृषि ऋण माफी के बारे में कुछ है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा बजट में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कोई योजना नहीं है. यह दिशाहीन एवं निराशाजनक बजट है. कृषि क्षेत्र के लिए कोई दृष्टिकोण नहीं है''.


बजट में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी अधिक हो- डल्लेवाल


संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए जो कुल बजट आकार का सिर्फ 3 प्रतिशत है. उन्होंने दावा करते हुए कहा, ''केंद्र लगातार कृषि क्षेत्र की अनदेखी कर रहा है. कुल बजट में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी अधिक होनी चाहिए थी.


एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम सरकार पर अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने के लिए किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि केंद्र को फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी देनी चाहिए. प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर के पास रुके हुए हैं. सुरक्षा बलों ने उनके मार्च को रोक दिया था.


एक अन्य किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने केंद्रीय बजट को किसानों के लिए फ्लॉप बजट बताया है. कादियान ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, कोई ऋण माफी नहीं, कोई विविधीकरण पैकेज नहीं, कोई कृषि-निर्यात नहीं, कोई कृषि-औद्योगिक पैकेज नहीं और एमएसपी को वैध बनाने के लिए कोई बजट नहीं.''


केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण ने मंगलवार को 2024-25 में कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की, जिसमें अनुसंधान को बढ़ावा देने, टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने की बात कही गई है.


इसके साथ ही बजट में तिलहन और दलहन उत्पादन बढ़ाने और कृषि में टेक्नोलॉजी को एकीकृत करने के लिए एक व्यापक योजना की रूपरेखा तैयार की गई. अपने बजट भाषण में, वित्तमंत्री सीतारमण ने प्रोडक्शन बढ़ाने और जलवायु-लचीली फसल किस्मों को विकसित करने के लिए कृषि अनुसंधान सेटअप की गहन समीक्षा की जरुरत पर जोर दिया.


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