Farmers Protest: शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 100 दिनों से धरने पर किसान, अब PM मोदी से मिलकर पूछना चाहते हैं सवाल
Delhi Chalo Protest: शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों के धरने को 100 दिन पूरे हो गए हैं. एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर लेकर किसान बॉर्डर पर डटे हुए हैं. वे लगातार केंद्र सरकार का विरोध कर रहे हैं.
Farmers Protest News: फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी और अपनी अन्य मांगों को मनवाने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को बुधवार को 100 दिन पूरे हो गए. इस मौके पर शंभू बॉर्डर और अन्य बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा हुए. किसानों ने 13 फरवरी से शंभू और खनौरी सीमाओं पर डेरा डाला हुआ है, जब उनके 'दिल्ली चलो' मार्च को सुरक्षा बलों ने आगे जाने से रोक दिया था तब से किसान वहीं धरने पर बैठे हैं.
किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसान इस अवसर पर शंभू, खनौरी और डबवाली सीमाओं पर एकत्र हुए. पंढेर ने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर उन्हें अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने के लिए दिल्ली की ओर जाने से रोकने का आरोप लगाया और पंजाब और हरियाणा के बीच सीमा बिंदुओं पर भारी पुलिस बल की तैनाती की निंदा की.
पीएम मोदी से करेंगे सवाल
केएमएम नेता ने कहा कि किसान गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटियाला यात्रा के दौरान उनसे मिलकर सवाल पूछना चाहते हैं और अगर उन्हें अनुमति नहीं दी गई तो वे धरना देंगे. पीएम मोदी 23 मई को पटियाला में एक चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए पहुंचेंगे. पंजाब की 13 लोकसभा सीटों के लिए 1 जून को मतदान होना है.
बीजेपी उम्मीदवारों का हो रहा है विरोध
बता दें कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पंजाब में बीजेपी उम्मीदवारों को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. विरोध प्रदर्शन के तहत किसान बीजेपी नेताओं से सवाल पूछते हैं और उनकी मांगें नहीं मानने पर उन्हें काले झंडे दिखाते हैं.
केंद्र से नाराज किसान दे रहे हैं धरना
विभिन्न कृषि संगठनों के प्रति निष्ठा रखने वाले किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून सहित उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करने के लिए केंद्र से नाराज हैं. वे दिल्ली की ओर जाने की अनुमति नहीं दिए जाने से भी नाराज थे, जिससे उन्हें पंजाब और हरियाणा के शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डालने के लिए मजबूर होना पड़ा. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा सरकार पर अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. किसानों की मुख्य मांग है कि केंद्र को फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देनी चाहिए.
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