Farmers Protest: नवजोत सिंह सिद्धू का MSP को लेकर सवाल- 'क्या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की तरफ वापस बढ़ रही केंद्र सरकार'
Navjot Singh Sidhu: नवजोत सिंह सिद्धू ने MSP को लेकर सरकार की ओर से दिए प्रस्ताव पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि क्या ये माना जाए कि केंद्र सरकार कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की तरफ वापस बढ़ रही है.

Punjab: किसानों के आंदोलन के बीच कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने एक बार फिर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. उन्होंने किसानों की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP)को लेकर सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस नेता ने कहा कि किसान आंदोलन का असली मुद्दा स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पर फसलों के दाम सुनिश्तित करना है.
सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच हुई बातचीत में केंद्रीय मंत्रियों की ओर से एमएसपी की गारंटी को लेकर जो प्रस्ताव दिया गया है, उसे लेकर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने आपत्ति जताई है. उन्होंने पूछा कि क्या ये माना जाए कि केंद्र सरकार कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की तरफ वापस बढ़ रही है.
नवजोत सिंह सिद्धू ने और क्या कहा?
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा. ''किसानों के आंदोलन का असली मुद्दा C2+50 स्वामीनाथन फॉर्मूला पर फसलों की सुनिश्चित खरीद का कानून है. एमएसपी कानून के बजाय केंद्र सरकार अनुबंध खेती पर वापस जा रही है, जिसके खिलाफ 380 दिनों के लिए किसानों ने आंदोलन किया था. तीन काले कानूनों में से एक अनुबंध खेती को लेकर कानून बनाए गए थे, जिसे बाद में रद्द कर दिया था. क्या हम वापस उसी स्थिति में आ गए हैं?''
The real issue of Farmer emancipation is the law on assured purchase of crops on C2+50 Swaminathan Formula , instead of an MSP law is the Central Government going back to Contract farming , against which the Kisaan aandolan was waged for 380 days - Contract farming was one of the…
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) February 19, 2024
किसान संगठनों से सरकार की बातचीत
किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच रविवार (18 फरवरी) को देर रात को किसान संगठनों के नेता और केंद्रीय मंत्रियों के बीच बातचीत हुई थी. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी देते हुए कहा था कि शांतिपूर्ण माहौल के साथ किसानों के साथ बातचीत बेहद ही सकारात्मक रही. उन्होंने कहा कि सरकार ने सरकारी समितियों NCCF (नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) और NAFED(नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दालें खरीदने को लेकर किसानों के साथ 5 साल का करार करने का प्रस्ताव रखा है.
किसान आंदोलन का आज सोमवार (19 फरवरी) को सातवां दिन है. दिल्ली मार्च के इरादे से निकले आंदोलनकारी किसान अभी भी पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं. भारी संख्या में बॉर्डर के पास सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. तनाव का माहौल बरकरार है. वहीं, पंजाब के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवा बंद है.
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