Farmers Protest: एमएसपी व अन्य मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आज मोर्चे का 12वां दिन है. इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि शुक्रवार को किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) ने फैसला किया कि शनिवार शाम को दोनों सीमाओं पर शहीदों की याद में कैंडल मार्च निकाला जाएगा. इसके बाद 25 फरवरी को हम दोनों सीमाओं पर एक सम्मेलन करेंगे क्योंकि 26 फरवरी को फिर से WTO पर चर्चा होगी.


26 फरवरी को WTO और सरकारों की निकाली जाएगी अर्थियां
किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने आगे कहा कि 26 फरवरी की सुबह WTO, कॉरपोरेट घरानों और सरकारों की अर्थियां निकाली जाएंगी जाएगी. दोपहर में, दोनों सीमाओं पर 20 फीट से अधिक ऊंचे पुतले जलाए जाएंगे. 27 फरवरी को, किसान मजदूर मोर्चा, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) देश भर के अपने सभी नेताओं की एक बैठक करेगा. 28 फरवरी को दोनों फोरम बैठेंगे और चर्चा करेंगे. 29 फरवरी को अगले कदम पर फैसला लिया जाएगा. 


‘पंजाब-हरियाणा और दिल्ली की परिस्थितियां गंभीर’
सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि जो परिस्थितियां पंजाब-हरियाणा और दिल्ली में बनी हुई है ये बहुत गंभीर है. पंजाब की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरे प्रभाव पड़ रहे है जिस तरह से केंद्र सरकार की तरफ से सड़कें जाम की गई है किसान तो आगे जाना चाहते है. इसका सरकार से जवाब मांगना चाहिए. जिस तरफ से 50 हजार से ऊपर अर्ध सैनिक फोर्स पूरी हरियाणा में लगाई गई है. जिस तरह से दहशतगर्दी की जा रही है सरकार की ओर से ये निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है. हरियाणा को कर्फ्यू में बदला गया है.  


किसानों पर NSA लगाने का फैसला वापस
वहीं आपको बता दें कि अंबाला रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सिबाश कबीराज ने जानकारी देते हुए बताया कि किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे कुछ किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA लगाने के फैसले को वापस ले लिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की.


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